प्रदेश में प्रोफेसर बनने का सपना संजोए युवाओं को बड़ा झटका लगने का मामला सामने आया है। जिसमें सरकार ने हाल ही में हुई कैबिनेट मीटिंग में नियम संशोधन प्रस्ताव को स्थगित कर दिया है। जिस कारण से फिर से सहायक प्रोफेसर की भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही लटक गई है। साढ़े साल से सूबे में सहायक प्रोफेसर भर्ती शुरू नहीं हो पाई है। मामले में पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने भी सरकार से खाली पड़े 60 प्रतिशत पदों को भरने का रोडमैप पूछ रखा है।
11 अक्टूबर को मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में यह प्रस्ताव उच्च शिक्षा विभाग की ओर से रखा गया। इस पर सीएम के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर ने कुछ कमियां निकाल दी। प्रस्ताव में कुछ शब्द प्रिंट तक नहीं हुए थे। इसके बाद गृह मंत्री अनिल विज और डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी अधिकारियों से कुछ बिंदुओं पर सवाल पूछ लिए, जिसका वह जवाब नहीं दे पाए। इसके बाद प्रस्ताव को स्थगित कर दिया गया है।
आगामी कैबिनेट मीटिंग में रखा जाएगा संशोधित प्रस्ताव
कैबिनेट में रखे गए प्रस्ताव में जिन बिंदुओं पर सवाल उठाए गए हैं, उनमें विभाग के द्वारा संशोधन किया जाएगा। जिसके बाद फिर आगामी होने वाली कैबिनेट मीटिंग में यह संशोधित प्रस्ताव रखा जाएगा। उच्च शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों ने बताया कि इस प्रस्ताव को सर्कुलेशन आधार पर भी पारित कराया जा सकता है। उसके बाद एचपीएससी को भर्ती के लिए आग्रह पत्र भेजा जाएगा।
मामला पहले ही हाईकोर्ट में चल रहा
हरियाणा में सहायक भर्ती को लेकर एक मामला पहले ही हाईकोर्ट में चल रहा है। हाईकोर्ट ने इस मामले में सरकार से पूछा है कि खाली पड़े 60 प्रतिशत से अधिक पदों को भरने के लिए सरकार की ओर से क्या रोडमैप तैयार किया गया है। मामले की सुनवाई के लिए 30 अक्टूबर की डेट हाईकोर्ट के द्वारा तय की गई है।