ब्रह्मकुमारी आश्रम, आगरा में शुक्रवार देर रात दो सगी बहनों ने आत्महत्या कर ली सुसाइड कर लिया। दोनों के शव अलग-अलग फंदे पर लटके मिले हैं। यह कदम उठाने से पहले दोनों ने सुसाइड नोट्स भी लिखा और आश्रम के व्हाट्सएप ग्रुप पर भेज दिया। आश्रम में रहने वाली दोनों सगी बहनों ने आत्महत्या से पहले लिखे सुसाइड नोट में एक महिला समेत तीन लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इसमें रुपये हड़पने से लेकर अन्य अनैतिक गतिविधियों का पर्दाफाश किया गया है।
सुसाइड नोट में मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ से गुहार लगाते हुए लिखा कि आरोपियों को आशाराम बापू की तरह ही आजीवन कारावास दिया जाए। सुसाइड नोट के तथ्यों के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है। जिन लोगों का सुसाइड नोट में नाम लिखा है, उनसे पुलिस पूछताछ करेगी। आत्महत्या करने वाली दोनों बहनों के नाम एकता और शिखा हैं। दोनों ने 15 वर्ष पहले ब्रह्माकुमारी आश्रम से दीक्षा ली थी। सुसाइड नोट में उन्होंने आश्रम से जुड़ी एक महिला सहित 4 कर्मचारियों को इसका जिम्मेदार ठहराया है।
एक बहन ने 3, जबकि दूसरी ने 1 पेज का सुसाइड नोट लिखा। इसे ब्रह्माकुमारी के ग्रुप और परिजनों को व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजा। हालांकि जब तक परिजन और संस्था के लोग मौके पर पहुंचते, तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। वहां दोनों बहनों के शव पंखों के हुक से साड़ी के फंदे पर लटके मिले। बहनों ने सुसाइड नोट में आश्रम के कर्मचारी नीरज सिंघल, उसके पिता, धौलपुर के ताराचंद और ग्वालियर की रहने वाली एक महिला को अपनी मृत्यु का जिम्मेदार ठहराया है। उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।

कई ब्रह्मकुमारी ने पहले भी की है आत्महत्या
सुसाइड नोट में यह भी आरोप लगाया गया है कि आश्रम में कई बहनों ने पहले भी आत्महत्या की है, लेकिन ऐसे मामलों को छिपा लिया जाता है। जिस आश्रम में घटना हुई, वह आगरा के थाना जगनेर में स्थित है। दोनों बहनों का घर आश्रम से करीब 13 किलोमीटर दूरी पर है। जिस वक्त वारदात हुई, उस वक्त आश्रम में दोनों बहनों के अलावा एक महिला और थी। वह आश्रम के दूसरे कमरे में थी।
दो आरोपी रिश्तेदार, सुसाइड नोट में अवैध संबंधों का भी जिक्र
बता दें कि जगनेर कस्बा की रहने वाली 37 वर्षीय एकता और उनकी छोटी बहन 34 वर्षीय शिखा वर्ष 2005 में ब्रह्मकुमारीज आश्रम से जुड़ी थी। चार वर्ष पहले जगनेर में बसई रोड पर ब्रह्मकुमारीज आश्रम बनने के बाद वहां रहने लगी थी। आश्रम में एक अन्य युवती भी रहती है। एकता के भाई सोनू का कहना है कि शुक्रवार रात 11:18 बजे उनके व्हाट्सएप पर बहन ने सुसाइड नोट भेजा और फोन करके जानकारी दी। आरोपी नीरज अग्रवाल, गुड्डन, पूनम और ताराचंद हैं। गुड्डन दोनों बहनों का मौसा था, जबकि नीरज रिश्तेदार। पूनम ब्रह्माकुमारी आश्रम ग्वालियर से जुड़ी हुई है।

आरोप है कि नीरज और पूनम ने आश्रम बनवाने के लिए इनसे 25 लाख रुपये ले लिए थे। यह आश्रम 1 साल पहले बना है। दोनों बहनों चार पेज के सुसाइड नोट नोट में चारों आश्रम कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला-पुरुषों के अवैध संबंधों के साथ ही आर्थिक अनियमितताओं के विषय में भी खुलकर बताया है। आरोप है कि यह अपनी ऊंची पहुंच का हवाला देकर दबंगई दिखाते हैं। कहते हैं कोई उनका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाते हुए लिखा कि उनकी मौत के जिम्मेदारों को आसाराम बापू की तरह ही आजीवन जेल में रखना। पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी हैं। सुसाइड नोट के तथ्यों के आधार पर पुलिस मामले की जांच कर रही है।
एकता ने सुसाइड नोट में किया मामले का पर्दाफाश
आश्रम में रह रही एकता और शिखा ने चार पेज का सुसाइड नोट लिखा था। शिखा ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि दोनों बहनें एक वर्ष से परेशान थी। उनकी मौत के लिए यह चारों आरोपी जिम्मेदार हैं। शिखा ने अपने सुसाइड नोट में मौत के जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग की है। एकता ने सुसाइड नोट में पूरे मामले का पर्दाफाश किया है। इसमें लिखा है कि नीरज ने उनके साथ सेंटर में रहने का आश्वासन दिया था। सेंटर बनने के बाद उसने बात करना बंद कर दिया। एक साल से हम बहनें रोती रही। नीरज का साथ उसके पिता, ग्वालियर आश्रम में रहने वाली महिला और ताराचंद ने दिया। 15 साल तक साथ रहने के बाद भी ग्वालियर वाली महिला से संबंध बनाता रहा।

एकता ने लिखा है कि इन चारों ने हमारे साथ गद्दारी की है। उनके पिता ने 7 लाख रुपये प्लाट के लिए दिए थे। यह रुपये उन्होंने आश्रम से जुड़े व्यक्ति को दिए थे। साथ ही गरीब माताओं के 18 लाख रुपये उसी व्यक्ति ने हड़प लिए। सेंटर के नाम पर 25 लाख रुपये हड़पे गए। इसके बाद यह लोग सेंटर बनवाने की अफवाह फैलाते हैं। इन लोगों के ग्वालियर की एक महिला से अवैध संबंध हैं। यज्ञ में बैठने लायक भी ये लोग नहीं हैं। इन लोगों ने हमारे साथ तो गलत नहीं किया, लेकिन बहुतों के साथ किया है। किसी से पैसे लाते हैं, उसी पर केस कर देते हैं। आश्रम से जुड़े एक व्यक्ति ने पहले साथ देने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब वह फोन नहीं उठा रहा है। एकता ने लिखा कि यह लेटर मुन्नी बहन और मृत्युंजय भाई के पास पहुंच जाए। सुसाइड नोट में लगाए गए आरोपों की पुलिस जांच कर रही है।

दो दिन पहले आश्रम में बहनों से मिलने पहुंचा था भाई
मामले की जानकारी मिलते ही डीसीपी सोनम कुमार मौके पर पहुंचे। इस दौरान भाई सोनू ने पुलिस को बताया कि वह दो दिन पहले आश्रम में बहनों से मिलने आए थे। उस समय उनकी बातचीत से ऐसा कुछ नहीं लगा कि वह इस तरह का कोई कदम उठा सकती हैं। डीसीपी का कहना है कि एकता और शिखा ने सुसाइड नोट में आश्रम के कुछ कर्मचारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सुसाइड नोट और परिजनों की शिकायत के आधार पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। मामले में प्रजापिता ब्रह्मकुमारीज ईश्वरीय विश्वविद्यालय के आगरा जोनल आफिस में संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका। न ही जगनेर सेंटर पर किसी ने फोन उठाया।