सोनीपत के गांव सांदल कलां के लाल अरुण कुमार ने नौसेना में सब लेफ्टिनेंट बनकर गांव का नाम रोशन किया है। अरुण कुमार अपने गांव से पहले ऐसे युवा हैं, जो कि आईएनए में कमीशन अधिकारी नियुक्त हुए हैं। गांव में पहुंचने पर उनका जोरदार स्वागत हुआ। उन्होंने युवाओं को नशे से दूर रहकर देश सेवा में शामिल होने के लिए प्रेरित किया। सरकारी स्कूल से पढ़ाई करने के बाद अपने गांव से लगातार जुड़े रहे हैं। पिता और चाचा भी नेवी और सेना से जुड़े रहे हैं।
रक्षा पृष्ठभूमि वाले अरुण कुमार के पिता भारतीय नौ सेना में एमसीपीओ के पद पर कार्यरत हैं। इतना ही नहीं उनके चाचा भी सेवानिवृत्त सेना कर्मी हैं। इसी वजह से अरुण को भी भारतीय सेना में शामिल होकर देश की सेवा करने की इच्छा बचपन से ही थी। 27 दिसंबर 2019 को एनडीए खड़कवासला पुणे में कैडेट के तौर पर शामिल हुए अरुण ने 3 साल तक कठोर प्रशिक्षण लिया। भारतीय नौसेना अकादमी एझिमाला में शामिल होकर उन्होंने नौसेना में अफसर बनने का सपना पूरा किया। जिसके साथ ही अरुण कुमार अपने गांव से पहले ऐसे युवा हैं, जो कि आईएनए में कमीशन अधिकारी नियुक्त हुए हैं।

एनडीए के बाद, वह 26 दिसंबर 2022 को आईएनए में शामिल हो गए। आईएनए में उन्होंने उत्कृष्ट शैक्षणिक रिपोर्ट के साथ कठिन समुद्री प्रशिक्षण का सामना किया। अरुण कुमार को 25 नवंबर 2023 को इना, एझिमाला में आयोजित पासिंग आउट परेड में भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन मिला।
लक्ष्य पर पहुंचाने के लिए दादा व परिवार का योगदान
अरुण कुमार ने बताया कि आज गांव में पहुंचने पर उनका बहुत ज्यादा स्वागत हुआ है और उन्हें बहुत अच्छा लग रहा है और पूरे गांव का धन्यवाद करते हैं। लक्ष्य पर पहुंचाने के लिए उनके दादा और परिवार का योगदान है। यहां तक पहुंचाने के लिए आसान सफर नहीं रहा है। 4 साल की लंबी ट्रेनिंग उन्होंने की है। वहीं उन्होंने कहा कि जज्बा जुनून है, तो जीवन में कुछ भी किया जा सकता है।

पोते की उपलब्धि पर काफी गर्व : रामपाल
अरुण कुमार के दादा रामपाल ने कहा कि आज बेटे का बहुत अच्छा स्वागत किया है और अपने पोते की उपलब्धि पर काफी गर्व है। गांव ने इकट्ठा होकर बड़े जोर-जोर से स्वागत किया है। गांव और रिश्तेदारों को बड़ी खुशी है। अरुण से प्रेरणा लेकर अन्य लड़कों को भी आगे बढ़ाने के लिए कोशिश करनी चाहिए।
अरूण को बचपन से ही नेवी में जाने की थी दिलचस्पी : पिता
पिता ने बताया कि अरुण को बचपन से ही नेवी में जाने की दिलचस्पी थी और हमेशा उसे आगे बढ़ाने के लिए प्रयास किया है। पढ़ाई में अरुण का खुद का अपना योगदान है। उन्होंने सभी अभिभावकों से अपील करते हुए कहा है कि बच्चे पर किसी भी प्रकार का दबाव न डालें, जिस क्षेत्र में वह आगे बढ़ना चाहता है, उसे उसी क्षेत्र के लिए आगे बढ़ाने के लिए प्रयास करना चाहिए। उन्होंने खासकर युवाओं को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि नशे से हमेशा दूर रहो। देश-प्रदेश और गांव को आगे बढ़ाने का हमेशा प्रयास करें। गांव में स्वागत होने पर उन्होंने काफी खुशी व्यक्ति की है।
बेटे ने इतना गर्व बढ़ा दिया कि मां फूली नहीं समा रही
माता स्नेहलता ने बताया कि अपने बेटे के स्वागत और उपलब्धि को लेकर गांव में जो स्वागत हुआ है, उसके लिए शब्द नहीं है, बेटे ने इतना गर्व बढ़ा दिया कि मां फूली नहीं समा रही है। बेटे ने सरकारी स्कूल में पढ़ाई करके बहुत ज्यादा मेहनत की। नौकरी पाने को लेकर बेटे को काफी ललक थी और इसके लिए उसने बहुत मेहनत की है, उसे उनका बेहद ज्यादा लगाव है और इसीलिए उनका बेटा भी उन्हें कह रहा है कि हम अपना मकान गांव में ही बनाएं और गांव से ही अपनी आगे की पीढ़ी चलाएं।