राजस्थान में हाल ही में मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बड़ी चर्चा हो रही है। कुछ सांसदों और विधायकों के इस्तीफों ने इस मुद्दे को और भी जटिल बना दिया है। तिजारा से चुने गए विधायक महंत बालकनाथ के इस्तीफे के बाद, जिन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता ओम माथुर से भी मुलाकात की, राजस्थानी राजनीति में उलझन पैदा हो गई।
एक होटल में विधायकों की बातें सुनकर किशनगंज विधायक ललित मीणा को शक हुआ कि कुछ बड़े नेताओं की मांग पर लोबिंग हो रही है। इसके बाद उन्होंने अपने पिता और पार्टी के कुछ नेताओं से बात की। बाद में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं को इसकी जानकारी दी गई। बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने मामले की जानकारी इन्कार किया, लेकिन ललित मीणा के पिता से उनकी मुलाकात हुई थी। प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने भी इसे नकारा और कहा कि यह कोई खास बात नहीं है।
राजस्थानी राजनीति में हलचल
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी दिल्ली में कई नेताओं से मुलाकात की। इस सबके बीच बीजेपी के सांसदों और विधायकों के इस्तीफे ने राजस्थानी राजनीति में हलचल मचा दी है। इस दौरान भाजपा के एक फेक लिस्ट भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। जिसमें कुछ नेताओं को मुख्यमंत्री बनाने का दावा किया जा रहा है। यह विवादित तथ्यों पर आधारित है और बीजेपी ने इसे खंडन किया है।
इस बार असमंजस में मुद्दा
राजस्थान में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब मुख्यमंत्री के पद की चर्चा इस प्रकार की हो रही है। पहले तो वसुंधरा राजे का चेहरा चुनावों से पहले ही घोषित हो जाता था, लेकिन इस बार यह मुद्दा कुछ असमंजस में दिख रहा है। राजस्थानी राजनीति में इस प्रकार की जटिलता ने सामाजिक मीडिया पर अफवाहों को भी बढ़ावा दिया है। यहां तक कि बीजेपी ने इसे जारी की गई फेक लिस्टों के माध्यम से भी खंडन किया है।