हरियाणा में गुढ़ा गैस प्लांट से सिलेंडरों की आपूर्ति करने वाले ट्रक और टैंकर ड्राइवर्स ने हड़ताल कर दी है। ट्रक ड्राइवर और ऑपरेटर्स की हड़ताल का कारण सरकार द्वारा आईपीसी के तहत सड़क दुर्घटना के नए कानून को लागू करना है। इस नए कानून के तहत ट्रक की चपेट में आने से किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो आरोपी ड्राइवर पर 10 लाख के जुर्माने के साथ-साथ 10 साल की सजा का प्रावधान कर दिया गया है। जिससे ट्रक ड्राइवर इस नियम से नाराज हैं।
गुढ़ा गैस प्लांट के ट्रक ड्राइवर्स और ऑपरेटर्स का कहना है कि पहले अगर सड़क दुर्घटना हो जाती थी तो उन्हें बेल मिल जाती थी और उनका केस चलता रहता था, लेकिन अब सरकार ने पूरा का पूरा रास्ता ही रोक दिया है। सड़क दुर्घटना होती है तो उन्हें मजबूरन भागना पड़ता है, क्योंकि अगर वे मौके पर रूके तो लोग उन्हें जान से मार देंगी। कोई भी ड्राइवर जान बूझकर दुर्घटना नहीं करता है। सरकार को नियम ड्राइवर की सेफ्टी को ध्यान में रखकर बनाने चाहिए।
गैस प्लांट से प्रतिदिन 250 निकलती है गाड़ियां
ड्राईवर्स का कहना है कि गुढ़ा गैस प्लांट में करीब 1 हजार गैस टैंकर हैं और प्रतिदिन 48 टैंकर गुजरात और यूपी से गैस लेकर प्लांट में पहुंचते हैं। किसी टैंकर में 18 टन गैस आती है तो किसी में 21 टन। इसी तरह से प्लांट में एक हजार के आसपास ट्रक हैं, जो गैस सिलेंडरों की सप्लाई करते हैं। ट्रकों की कैपेसिटी 306 सिलेंडर, 324 सिलेंडर, 342 सिलेंडर और 360 सिलेंडर की होती है। गैस प्लांट से प्रतिदिन 250 से ज्यादा गाड़ियां निकलती हैं, जो एजेंसियों तक सिलेंडरों की सप्लाई करती हैं।
जब तक सरकार वापिस नहीं लेती कानून तब तक नहीं रुकेगी हड़ताल
हड़ताल के चलते न तो टैंकर प्लांट के अंदर जा रहे हैं और न ही सिलेंडरों से भरी गाड़ियां बाहर आ रही हैं। करीब तीन हजार ड्राइवर और ऑपरेटरों ने हड़ताल की हुई है। जब तक सरकार नए कानून को वापिस नहीं लेती है यह हड़ताल इसी तरह से जारी रहेगी। प्लांट की पार्किंग में ही गैस टैंकर खड़े हुए हैं। हालांकि प्लांट के अधिकारियों ने ड्राइवरों को गाड़ियां भरने के लिए कहा था लेकिन ड्राइवर नहीं माने।