हरियाणा के जिला सोनीपत में कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के ठिकानों पर दूसरे दिन भी ईडी की छापेमारी लगातार जारी है। सुरेंद्र पंवार के निवास पर लगातार रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। बताया जा रहा है कि ईडी वर्ष 2013 से पहले के खनन के मामले में अनियमितताओं के एक मामले में जांच कर रही है। इस मामले में कांग्रेस विधायक के साथ उनके साझेदारों के यहां भी छापेमारी की जा रही है। ईडी की टीम ने घर में मौजूद परिवार व अन्य स्टाफ के फोन अपने कब्जे में ले लिए हैं। साथ ही बाहर से आवाजाही बंद है। ईडी की टीम मौके पर मिले दस्तावेजों की जांच कर रही है। कुछ दस्तावेज को अपने कब्जे में भी ले लिया है। छापेमार कार्रवाई के दौरान केंद्रीय सुरक्षा बल के जवान घर में तैनात किए गए हैं। उधर छापेमारी की सूचना से विधायक समर्थकों में हड़कंप मचा हुआ है।
गौरतलब है कि सोनीपत कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार खनन कारोबारी भी हैं। राजस्थान के अलावा उनका हरियाणा के जिला यमुनानगर में भी कारोबार है। यमुनानगर में खनन के एक मामले में अनियमितताओं का आरोप लगाया गया था, जिसकी शिकायत ईडी को भी भेजी गई थी। विधायक के निवास और कार्यालय सहित अन्य ठिकानों पर वीरवार सुबह ईडी के 15-20 अधिकारी 6 गाड़ियों से पहुंचे थे। लगातार दूसरे दिन भी छापेमारी जारी है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वीरवार को हरियाणा के जिला सोनीपत, यमुनानगर और करनाल में अवैध खनन मामले में कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार और इनेलो के महासचिव अभय सिंह चौटाला के समधी दिलबाग सिंह और भाजपा नेता मनोज वधवा के निवास सहित अन्य ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई शुरू की थी। बताया जा रहा है कि धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत यमुनानगर, सोनीपत, मोहाली, फरीदाबाद, चंडीगढ़ और करनाल में इन नेताओं और उनसे जुड़ी इकाइयों के करीब 20 ठिकानों पर छानबीन की जा रही है।

बता दें कि धन शोधन का मामला पिछले दिनों यमुनानगर और आसपास के जिलों में हुए कथित अवैध खनन की जांच के लिए दर्ज की गई हरियाणा पुलिस की कई प्राथमिकियों से सामने आया है। ईडी ने हरियाणा के यमुनानगर जिले में कथित अवैध खनन से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के तहत वीरवार को तीनों नेताओं और उनके सहयोगी के ठिकानों पर छापा मार कार्रवाई की है। हालांकि कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के यहां से कुछ बरामदगी की पुष्ठि नहीं की गई है, जबकि इनेलो के पूर्व विधायक दिलबाग सिंह के ठिकानों से 5 करोड़ रुपये कैश, सोने के बिस्कुट, विदेशी अवैध हथियार, 300 कारतूस और विदेशी शराब की 100 से ज्यादा बोतलें जांच के दौरान पाई गई हैं।

विधायक के घर के बाहर केंद्रीय सुरक्षा बल तैनात
सोनीपत में ईडी की टीम ने कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के सेक्टर-15 और उनके सहयोगी सुरेश त्यागी के निवास पर अचानक छापा मारा था। ईडी के अधिकारी कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार के घर माइनिंग को लेकर कागजात खंगाल रहे हैं। इस दौरान सोनीपत कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार भी अपने निवास पर मौजूद हैं। उनके घर के बाहर स्थानीय पुलिस के अलावा केंद्रीय सुरक्षा बल भी तैनात किया गया है। वहीं बताया जा रहा है कि ईडी की टीम विधायक सुरेंद्र पंवार के निवास के अलावा उनके अन्य ठिकानों पर भी पहुंची थी।

ईडी खंगाल रही खनन व अन्य मामलों से संबंधित कागजात
ईडी की अलग-अलग टीमों ने वीरवार सुबह ही सोनीपत में विधायक सुरेंद्र पंवार के सेक्टर-15 स्थित निवास के अलावा अन्य स्थानों पर जांच शुरू की थी। टीम ने खनन व अन्य मामलों से संबंधित कागजात भी खंगाले हैं। इसी मामले में ईडी के पास अनियमितताओं की शिकायत पहुंची थी। बताया जा रहा है कि छापेमारी के दौरान टीम माइनिंग की अवैध गतिविधियों के अलावा मनी लॉन्ड्रिंग को लेकर भी छानबीन करेगी। ऐसे में अब ईडी की ओर से जांच शुरू की है। विधायक सुरेंद्र पंवार के निवास पर पहुंचते ही ईडी की टीम ने किसी को अंदर आने और बाहर जाने की परमिशन नहीं दी। टीम ने नेताओं के ठिकानों पर पहुंचते ही घरों को मुख्य दरवाजों को बंद करते हुए बाहर पहरा कड़ा किया गया है।
वर्ष 2022 में कांग्रेस ने विधायक को चेयरपर्सन बनाकर बढ़ाया है कद
सुरेंद्र पंवार के पास यमुना और अन्य क्षेत्रों में भी खनन के ठेके बताए जा रहे हैं। यह उनका मुख्य कारोबार है। साथ ही उनके सहयोगी सुरेश त्यागी के निवास पर भी ईडी की छानबीन जारी है। कांग्रेस सोनीपत से विधायक सुरेंद्र पंवार को सितंबर 2022 में हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी का चेयरपर्सन बनाकर उनका कद बढ़ा चुकी है। बता दें कि कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर अपनी टीम को मजबूत करने के लिए कई राज्यों में टीमों का गठन किया था। जिसके तहत विधायक सुरेंद्र पंवार को चेयरपर्सन नियुक्त किया गया था।

विधायक पंवार ने वर्ष 2022 में इस्तीफा देकर सबको चौंकाया
इससे पहले कांग्रेस विधायक सुरेंद्र पंवार ने जुलाई 2022 में अपने पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया था। हालांकि बाद में उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया था। विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता के बयान के बाद स्थिति सबके सामने आई थी। बाद में इस्तीफा वापस लेने की घोषणा स्वयं विधायक पंवार ने की थी। इस बीच इस्तीफा देने के कारणों को लेकर लगातार चर्चाएं बनी रही।
गौरतलब है कि विधायक सुरेंद्र पंवार को 25 जून को व्हाट्सएप कॉल व मैसेज से विदेश से धमकी देकर 5 करोड़ की रंगदारी मांगी गई थी। इस मामले में विधायक की शिकायत पर सोनीपत के सेक्टर-27 थाने में 27 जून को मुकदमा दर्ज किया गया था। सुरक्षा मुहैया करवाने के बावजूद सुरेंद्र पंवार धमकी के मिलने के बाद से असहज थे। उन्होंने ज्यादातर सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूरी बना ली थी। जिस पर विधायक पंवार ने कहा था कि प्रदेश में कानून व्यवस्था का जनाजा निकल चुका है। जिसकी शिकायत एसपी और डीजीपी तक पहुंची थी।
इनेलो का चश्मा उतार थामा था कांग्रेस का हाथ, तभी बनें विधायक
सोनीपत के विधायक सुरेंद्र पंवार ने वर्ष 2014 में पहली बार सोनीपत विधानसभा क्षेत्र से इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी की टिकट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। इस चुनाव में सुरेंद्र पंवार तीसरे स्थान पर रहे थे। चुनाव में उन्हें 29 हजार 826 वोट मिले थे। इसके बाद वर्ष 2019 में ठीक विधानसभा चुनाव से पहले सुरेंद्र पंवार ने इनेलो का चश्मा उतारते हुए कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। इस चुनाव में सुरेंद्र पंवार ने 79438 वोट लेकर अपनी जीत दर्ज करवाई थी।