HARYANA में अभी तक 13 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। 14वें विधानसभा चुनाव में शनिवार को VOTING होगी और 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव में एक-एक VOTE के मायने हैं, क्योंकि एक VOTE हार-जीत तय करता है।
1977 से लेकर 2019 तक 10 सीटें ऐसी रही हैं, जहां पर हार जीत का अंतर 100 VOTE से कम हैं। 2014 के राई सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी जयतीर्थ दहिया ने इनेलो के इंद्रजीत को महज 3 VOTE से मात देकर चुनाव जीता था। 2005 में घरौंडा सीट पर इनेलो की रेखा राणा ने कांग्रेस के जयपाल शर्मा को 21 VOTE से हराया था। 1996 में भी घरौंडा सीट पर भजापा प्रत्याशी रमेश ने समता पार्टी के रमेश कुमार राणा को 11 VOTE से मात दी थी।
इसके साथ ही 1991 में नारनौंद सीट पर जनता दल के वीरेंद्र सिंह ने कांग्रेस के जसवंत को 38 वोटों से हराया था। दादरी सीट पर हरियाणा विकास पार्टी के धर्मपाल ने जगजीत सिंह को 80 वोटों से शिकस्त की थी।
अटेली सीट पर कांग्रेस के बंशी सिंह ने जनता दल के अजीत सिंह के सामने 66 VOTE से मात दी थी। 1982 के विधानसभा चुनाव में यमुनानगर विधानसभा सीट पर कांग्रेस के राजेश कुमार, भाजपा की कमला वर्मा को सिर्फ 63 VOTE से जीतकर विधायक बने थे।
1982 में साढ़ौरा विधानसभा सीट पर भाजपा के भागमल ने कांग्रेस के प्रभु राम को सिर्फ 10 VOTE से शिकस्त दी थी। 1977 के विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी सीट पर जनता पार्टी के कर्नल रामसिंह ने विशाल हरियाणा पार्टी के शिव रतन सिंह को 86 VOTE से हराया था।