चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई ने गतिरोध को बढ़ा दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव अधिकारी अनिल मसीह को फटकार लगाई है, कहते हुए कि उन्होंने बैलेट पेपरों को डिफेस्ड किया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा है कि यह लोकतंत्र का मजाक है और इससे लोकतंत्र की हत्या हो रही है।
बता दें कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने कठोर कदम उठाए हैं और मेयर चुनाव के पूरे रिकॉर्ड को जब्त करने का आदेश दिया है। साथ ही बैलेट पेपर और वीडियोग्राफी को संभाल कर किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने चंडीगढ़ निगम की आगामी बैठक को भी स्थगित कर दिया है। चंडीगढ़ मेयर चुनाव में आप कांग्रेस के संयुक्त कैंडिडेट कुलदीप कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। उनकी याचिका में उन्होंने भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर को हटाकर दोबारा चुनाव की मांग की है। याचिका में दलील दी गई है कि चुनाव अधिकारी अनिल मसीह ने वोटों की गिनती में हेराफेरी की है और इस पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती से प्रतिक्रिया दी है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि यह लोकतंत्र का मजाक है और इससे लोकतंत्र की हत्या हो रही है।

मनोज सोनकर ने कैविएट की दाखिल
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में 36 वोट थे, जिनमें 14 भाजपा पार्षद, एक भाजपा सांसद, 1 अकाली दल और बाकी 20 वोट आप और कांग्रेस पार्षदों के थे। चुनाव अधिकारी ने कहा कि भाजपा को 16 वोट मिले, जबकि आप कांग्रेस के उम्मीदवार को 12 वोट मिले हैं, जबकि 8 वोट इनवैलिड हुए। भाजपा के नए चुने मेयर मनोज सोनकर ने सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल की है और कहा कि कुलदीप की याचिका पर कोई फैसला लेने से पहले उनकी बात भी सुनी जाए। हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली और सुप्रीम कोर्ट में जाने का मन बनाया। सुप्रीम कोर्ट में जाने से पहले कुलदीप कुमार की तरफ से पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका लगाई।


