heavy rain with hailstorm

Haryana : तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि ने बढ़ाई किसानों की चिंता, फसलों पर मंडराया खतरा, तापमान में 4 डिग्री तक की आई गिरावट

बड़ी ख़बर सोनीपत हरियाणा

हरियाणा के जिला सोनीपत में मौसम विभाग के अलर्ट के बाद तेज बारिश के साथ करीब आधा घंटे तक तेज ओलावृष्टि होने से किसानों के चिंता बढ़ गई है। ऐसे में फसलों पर खतरा मंडराना शुरू हो गया है। सोनीपत, खरखौदा और खंड राई में आधे घंटे तक जमकर ओलावृष्टि हुई। ओलावृष्टि से सड़कों और खेतों में सफेद चादर बिछ गई। खंड राई के कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि से आधे में करीब एक फुट तक बर्फ की चादर जम गई। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो रविवार को भी बारिश की संभावना बनी रह सकती है।

गौरतलब है कि शनिवार देर शाम और रात को हुई बारिश के साथ हुई ओलावृष्टि से गेहूं, सरसों और सब्जियों की फसल के नष्ट होने की आशंका बढ़ गई है। जिसने किसानों की चिंता को बढ़ा दिया है। मौसम विशेषज्ञों की मानें तो रविवार को भी बारिश का दौर जारी रह सकता है। वहीं जिले में कुछ स्थानों पर मध्यम ओलावृष्टि होने के आसार हैं। शनिवार को सोनीपत में करीब 15 एमएम बारिश हुई है।

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बता दें कि दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय हो रहे पश्चिमी विक्षोभ को देखते हुए मौसम विशेषज्ञों ने 3 मार्च तक बारिश और कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि होने के आसार जताए थे। बता दें कि सुबह से ही आसमान काले बादलों से घिरा रहा। हालांकि दिन में बादलों और सूर्य के बीच लुकाछिपी का खेल चलता रहा

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शनिवार शाम होते ही अचानक तेज हवाएं चलने लगी और बारिश शुरू हो गई। 19 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ़्तार से चली हवाओं के साथ बारिश और ओलावृष्टि से अधिकतम तापमान में भी गिरावट दर्ज की गई है। शनिवार को जिले का अधिकतम तापमान 23.7 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 17.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। जबकि शुक्रवार को अधिकतम तापमान 27.2 और न्यूनतम तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।

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बारिश के बाद शहर के गीता भवन चौक, ककरोई चौक सहित विभिन्न मार्गों पर जलभराव की स्थिति बनी रही। जिससे राहगीरों और वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ी।

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1.50 लाख हैक्टेयर भूमि पर गेहूं और 5000 पर उगाई गई है सरसों

जिले में 1.50 लाख हैक्टेयर भूमि में गेहूं व करीब पांच हजार हैक्टेयर भूमि में सरसों की फसल उगाई गई है। शनिवार को तेज हवाओं के साथ आई बारिश व ओलावृष्टि से किसानों को भारी नुकसान की आशंका है। सबसे अधिक नुकसान पकने की कगार पर पहुंच चुकी सरसों की फसल में हो सकता है। वहीं तेज हवाओं से कुछ स्थानों पर गेहूं की फसल खेतों में बिछ गई है। जिससे उत्पादन पर विपरित प्रभाव पड़ सकता है।

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किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से अगले 3 दिन में नुकसान का सही आंकलन हो पाएगा। किसानों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि जल्द गिरदावरी करवाई जाए और 100 फीसदी मुआवजा दिया जाए। बता दें कि सोनीपत में 15 एमएम, गन्नौर में 02 एमएम, गोहाना में 02 एमएम, खरखौदा में 10 एमएम, खानपुर कलां में 02 एमएम और राई में 12 एमएम बारिश दर्ज की गई।

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