चुनाव आयोग में वर्तमान में दो चुनाव आयुक्तों के पद खाली हैं। इन पदों को भरने के लिए प्रधानमंत्री के अध्यक्षता वाले पैनल की बैठक शुरू हो गई है।
सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट सेक्रेटरी और 2 अन्य सदस्यों से बनी सर्च कमेटी ने प्रधानमंत्री के पैनल को 5 लोगों के नाम भेजे हैं। इनमें पूर्व इडी डायरेक्टर संजय मिश्रा, आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास, सीबीडीटी के चेयरमैन जेबी महापात्र, एनआईए चीफ दिनकर गुप्ता और राज्य सभा के महासचिव पीसी मोदी का नाम शामिल है। नियम के मुताबिक चुनाव आयोग में तीन सदस्य होते हैं। एक मुख्य चुनाव आयुक्त और दो अन्य चुनाव आयुक्त। एक चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडे फरवरी में रिटायर हो गए थे। दूसरे अरुण गोयल ने हाल ही में इस्तीफा दिया है।
वहीं अब तीन सदस्यों की जगह सीईसी राजीव कुमार एकमात्र बचे हैं। गोयल के इस्तीफे के बाद चुनाव आयोग में एक पद खाली है। इस पद की भर्ती के लिए कानून में बदलाव किया गया है, जिसके मुताबिक सर्च कमेटी 5 नाम शॉर्टलिस्ट करेगी और चयन समिति एक नाम चुनेगी। इस विकल्प के बाद राष्ट्रपति को नियुक्ति की मंजूरी देनी होगी।

राजीव कुमार और अरुण गोयल के बीच मतभेद की खबरें
अरुण गोयल मुख्य चुनाव आयुक्त बनने की कतार में थे, क्योंकि मौजूदा सीइसी राजीव कुमार फरवरी 2025 में रिटायर होने वाले हैं। गोयल ने 21 नवंबर 2022 को चुनाव आयुक्त का पद संभाला था। उनका कार्यकाल 5 दिसंबर 2027 तक था। चुनाव आयोग के सूत्रों के मुताबिक गोयल और सीईसी राजीव कुमार के बीच फाइल पर मतभेद हैं। हालांकि गोयल ने इस्तीफे के लिए निजी कारणों का हवाला दिया है। केंद्र ने उन्हें पद छोड़ने से रोकने की कोशिश की थी। गोयल की सेहत भी ठीक है, इसलिए खराब सेहत के कारण इस्तीफे की अटकलों को खारिज किया गया है।
राजीव कुमार से मतभेद के कारण दिया इस्तीफा
द हिंदू की एक रिपोर्ट के मुताबिक मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयोग लोकसभा चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने पश्चिम बंगाल गए थे। गोयल ने पश्चिम बंगाल में तैयारियों से जुड़ी जानकारी देने के लिए कोलकाता में प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल होने से इन्कार कर दिया था। सूत्रों का कहना है कि दोनों के बीच गंभीर मतभेद हो गए थे। इसके बाद 5 मार्च को राजीव कुमार ने अकेले ही प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी और कहा था कि खराब सेहत के चलते गोयल दिल्ली लौट गए हैं। अरुण गोयल के इस्तीफे के बाद तीन सदस्यीय चुनाव आयोग में केवल सीईसी राजीव कुमार ही रह गए हैं। इससे पहले अनूप पांडे 15 फरवरी को चुनाव आयुक्त पद से रिटायर हुए थे। पांडे के रिटायरमेंट के बाद से चुनाव आयोग में एक पद खाली था। गोयल 1985 बैच के पंजाब कैडर के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं।
पीएम को क्लीन चिट देने पर जताई थी असहमति
गोयल ने 18 नवंबर 2022 को सचिव (भारी उद्योग) पद से वीआरएस लिया था। जिसके एक दिन बाद वे चुनाव आयुक्त बनाए गए थे। गोयल के इस्तीफे पर क्या बोला विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस अध्यक्ष: इलेक्शन कमीशन या इलेक्शन ओमिशन। लोकसभा चुनाव से पहले ऐसा क्यों? हमने स्वतंत्र संस्थाओं का खत्म किया जाना नहीं रोका तो लोकतंत्र पर तानाशाही कब्जा कर लेगी। के सी वेणुगोपाल, कांग्रेस नेता: ईसीआई जैसी संवैधानिक संस्था में बिल्कुल भी पारदर्शिता नहीं है। केंद्र सरकार उन पर दबाव डालती है। 2019 में चुनावों के दौरान, तत्कालीन आयुक्त अशोक लवासा ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन मामले में पीएम मोदी को क्लीन चिट देने पर असहमति जताई थी। बाद में उन्हें लगातार पूछताछ का सामना करना पड़ा।