Haryana News : हरियाणा के किसान संगठन भाजपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए हरियाणा के पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह और उनके पूर्व सांसद बेटे बृजेंद्र सिंह के पक्ष में उतर आए हैं। किसान नेताओं ने कहा कि हिसार लोकसभा से कांग्रेस बृजेंद्र सिंह को उम्मीदवार बनाती है तो किसान संगठन उनका पूरा समर्थन करेंगे। कुछ किसान नेता जिनका खुद का जनाधार नहीं है। किसान आंदोलन के दौरान जिन्होंने कमजोर करने का काम किया, वह दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय पहुंचकर पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को टिकट नहीं देने की बात कर रहे हैं। ऐसे नेताओं के बारे में उचाना हलके के लोग जानते है। इन नेताओं को खुद के गांव में भी कोई जनाधार नहीं है।
किसान नेताओं ने कहा कि किसान संगठन और किसान भाजपा को हराने के लिए लोकसभा चुनाव में मतदान करेंगे। इंडिया गठबंधन के उम्मीदवार को हिसार लोकसभा से जिताने का काम करेंगे। भाजपा में रहते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री बीरेंद्र सिंह ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन दिया था तो खिलाड़ियों की आवाज उठाने के साथ-साथ जो भाजपा की सेना में अग्निवीर योजना है, उसका भी विरोध जताया। उन्होंने कहा कि पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह पूरे देश में पहले ऐसे सांसद थे, जिसने भाजपा से इस्तीफा दिया। बृजेंद्र सिंह के भाजपा छोड़ने के बाद पूरे देश में जो संदेश गया, उसके बाद कांग्रेस का ग्रॉफ बढ़ा है।
इस दौरान किसान नेता मास्टर बलवान ने कहा कि किसान मोर्चा जो है, उसका भी आह्वान है कि प्रजातंत्र को बचाने के लिए भाजपा के खिलाफ मतदान करें। कुछ किसान नेताओं द्वारा पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह को कांग्रेस से टिकट नहीं दिए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि किसी संगठन ने यह नहीं कहा कि किसको टिकट मिले, किसको टिकट न मिले। टिकट देना पार्टी हाईकमान का काम होता है किसान संगठन का नहीं। जो भी कांग्रेस का उम्मीदवार होगा, किसान संगठन उसके पक्ष में रहेगा। जो दिल्ली जाकर खुद की राजनीति चमकाना चाहते हैं, उससे उनकी राजनीति भी नहीं चमकती। हो सकता है उनकी व्यक्तिगत महत्कांक्षा हो उसका कोई महत्व नहीं होता। इसके पीछे कोई राजनीति भूमिका भी हो सकती है।
वहीं किसान आंदोलन में अग्रणी रहे युवा किसान प्रदीप श्योकंद ने कहा कि बीरेंद्र सिंह किसानों के साथ किसान आंदोलन के समय से हैं। पलवल में किसानों के धरने में वह भाजपा में रहते हुए पहुंचे। साथ ही उन्होंने खिलाड़ियों के धरने का समर्थन दिल्ली पहुंच कर किया। उन्होंने कहा कि आज भाजपा किसानों की आवाज को दबाने का काम कर रही है। एनडीए को छोड़ने की शुरूआत सबसे पहले पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह ने की। जो किसान टिकट कटवाने के लिए दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय जा रहे हैं, वह पहले खुद टिकट तो लेकर आए, उन्हें कोई रोक नहीं रहा है।
उन्होंने कहा कि खटकड़ टोल पर चले किसान आंदोलन का हिस्सा रहे पूर्व सरपंच कृष्ण सफा खेड़ी किसान संगठनों का कोई आह्वान दिल्ली कांग्रेस मुख्यालय जाकर किसी की टिकट कटवाने के लिए नहीं था। हम किसी का विरोध नहीं करते है। जो आज पूर्व सांसद बृजेंद्र सिंह की टिकट कांग्रेस से मिलने पर विरोध कर रहे हैं, कल वह कुमारी शैलजा, रणदीप सुरजेवाला का भी विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि अपनी ताकत दिखाओ अपनी ताकत के बल पर दिल्ली जाओ। हम कांग्रेस का समर्थन करते हैं। उन्होंने कहा कि किसान 13 महीने खटकड़ टोल पर बैठे। किसानों ने जेजेपी और भाजपा नेताओं का विरोध किया। इस दौरान भाजपा के सांसद बृजेंद्र सिंह भी थे, किसानों ने उस दौरान उनका भी विरोध किया।
उन्होंने कहा कि बीते दिनों हलके के कई गांवों में प्रदेश के पूर्व उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पहुंचे। आज जो नेता बृजेंद्र सिंह का कांग्रेस की टिकट न दिए जाने की बात कर रहे हैं, वह दुष्यंत चौटाला का विरोध करने क्यों गांवों में नहीं गए। इन नेताओं को दुष्यंत से सवाल-जबाव करने चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिस प्रत्याशी को टिकट देगी, किसान उसी का समर्थन करेंगे। किसान नेता गुरनाम पालवां ने कहा कि किसानों की आढ़ में कुछ किसान नेता बनने की फिराक में है। वह खुद की राजनीति चमकाने के लिए दिल्ली गए हैं। किसी की टिकट कटवाने के लिए इस तरह से किसी की टिकट नहीं कटती है। वह किसान संगठनों से अपील करते है कि इस तरह के नेता के खिलाफ कड़ा एक्शन लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जब किसान संगठनों का आह्वान ही नहीं है तो क्यों किसान संगठनों का सहारा लेकर अपनी राजनीति को चमकाने का काम किया जा रहा है। खुद की राजनीति करनी है तो खुल सामने आए। ऐसे लोग कभी देशराज नंबरदार तो कभी पूर्व विधायक रहे भाग सिंह छातर तो कभी रणदीप तो कभी कुमारी शैलजा का समर्थक बन रहे हैं। यह किसान नेता न होकर बीरेंद्र सिंह के विरोधी हैं, जो आज से नहीं, बल्कि शुरू से हैं। उन्होंने कहा कि वह दावा करते हैं कि आज तक भी बीरेंद्र सिंह के पक्ष में वोट नहीं दिए हैं, न ही यह दे सकते हैं। यह लोग बीरेंद्र सिंह को छोड़ कर दूसरे नेताओं की हाजरी अपनी राजनीति चमकाने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने ऐसे लोगों को चेताया कि वह किसानों का सहारा लेकर राजनीति न करें। राजनीति साजिश के तहत यह किसान नेता काम कर रहा है। खटकड़ टोल पर जो धरना चल रहा था, वहां किसान आंदोलन को कमजोर करने की कोशिश इस नेता द्वारा की गई थी। इस दौरान दाड़न खाप से कृष्ण श्योकंद ने कहा कि जो किसान नेता खुद को कहता है, वह किसानों के नाम पर चंदा एकत्रित करके खुद की जेब भरता है। मेरे सामने खुद एक व्यक्ति की 21 हजार की चंदे की पर्ची काटी है। किसान यूनियन के नाम पर यह चंदे की पर्ची काटते हैं। यह लोग सुबह गाड़ी लेकर निकलते है तो किसान संगठन के नाम पर चंदे की पर्ची काटते हैं।

	