Karnal : कुछ दिनों में हरियाणा में लोकसभा चुनाव का छठा चरण है और उसकी तैयारियां बढ़ रही हैं। चुनाव के पहले ही स्थानीय नेताओं के बीच जोर-शोर से प्रचार प्रसार चल रहा है। कांग्रेस(Congress) के भीतर भी कुछ उत्साही उम्मीदवार उम्मीदों के साथ दिख रहे हैं, लेकिन उनकी कुछ समस्याएं हैं। गुटबाजी और दिग्गजों के बीच असहमति के कारण उम्मीदवारों की सहायता में कमी आ रही है। वहीं वोटिंग(Voting) में केवल 2 दिन शेष रह गए हैं।
करनाल सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार दिव्यांशु(Divyanshu) बुद्धिराजा का प्रचार काफी जोरदार है, लेकिन उनके सामने कुछ चुनौतियां हैं। स्थानीय नेताओं के बीच असंतोष के कारण उनके समर्थन में कमी हो सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक हरियाणा में सत्ता के खिलाफ एक बड़ी वायदा है, लेकिन करनाल में कांग्रेस को गुटबाजी की वजह से कुछ पीछे छोड़ दिया गया है। इस बार चुनाव में युवा चेहरा दिव्यांशु(Divyanshu) बुद्धिराजा की कार्यशैली उन्हें परेशान कर रही है। वे बहुत तेजी से प्रचार कर रहे हैं, लेकिन उनके पास कम समय है। करनाल में वे कांग्रेस के लिए मुकाबला कर रहे हैं, लेकिन उनके प्रतिद्वंद्वी भाजपा के पास अच्छी संगठनित टीम है।

चुनावी प्रचार में भाजपा का हर कार्यकर्ता जुटा हुआ है और पूर्व सीएम मनोहर लाल भी अपनी तरफ से काफी प्रचार कर रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह की रैली भी उन्हें मजबूती दे रही है। चुनावी प्रचार के दौरान, करनाल में कांग्रेस के उम्मीदवार को अपने नेताओं की कमी से नुकसान हो रहा है। यह दिखाता है कि कांग्रेस को अपनी संगठन सामर्थ्य को मजबूत करने की जरूरत है।

