हरियाणा के Bhiwani जिले में जिला बाल कल्याण परिषद की भूमि पर स्वीमिंग पुल अलॉटमेंट घोटाले की जांच की फाइल अधिकारियों द्वारा गायब कर डाली गई है। इस पर राज्य सूचना आयोग के सूचना आयुक्त ने भिवानी जिले के जनप्रिय निर्देशक को 3 महीने के भीतर मामले की जांच करने और दोषी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं।
स्वास्थ्य शिक्षा सहयोग संगठन के अध्यक्ष बृजपाल सिंह परमार ने जन सूचना अधिकार अधिनियम 2005 के तहत भिवानी जिला कार्यालय से 23 सितंबर 2021 को स्वीमिंग पुल अलॉटमेंट घोटाले की जांच रिपोर्ट की मांग की थी। डीसी कार्यालय ने आरटीआई के जवाब में बताया कि एसडीएम कार्यालय से इस कार्यालय में जांच रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है।
इस पर बृजपाल सिंह परमार ने भिवानी एसडीएम कार्यालय से 22 फरवरी 2022 को आरटीआई के तहत सूचना मांगी। इस पर एसडीएम भिवानी कार्यालय ने भी अपने जवाब में बताया कि जांच रिपोर्ट डीसी आफिस में भेज दी है। डीसी और एसडीएम कार्यालय के बीच जांच रिपोर्ट ही गायब कर दी गई है। इस पर बृजपाल सिंह परमार ने 4 अगस्त 2022 को आरटीआई एक्ट के सेक्शन 18(1) के तहत शिकायत राज्य सूचना आयुक्त को दी। राज्य सूचना आयोग के सूचना आयुक्त डॉ कुलबीर छिक्कारा ने इस मामले की जांच कर 90 दिन के अंदर 31 जुलाई को जवाब मांगा है।