उचाना उपमंडल कार्यालय में चल रहे धरने पर मीटिंग हुई। मीटिंग में सर्वसम्मति से फैसला लिया गया कि कंगना रनौत(Kangana Ranaut) को थप्पड मारने वाली कुलविंद्र कौर की रिहाई के बाद उसे उचाना धरने पर बुलाकर सम्मानित किया जाएगा। विभिन्न मुद्दों पर चर्चा मीटिंग में हुई। महिला ने कहा कि कंगना ने पीएम मोदी(PM Modi) की नजरों में छाने के लिए अनाप-शनाप बयान दिया।
उचाना धरना संचालक एवं किसान नेता आजाद पालवां ने कहा कि जो हमारी शेर दिल बेटी कुलविंद्र कौर ने थप्पड़ की गूंज पूरी दुनिया के अंदर गई है। इस थप्पड़ की चर्चा पूरे भारत देश में, पूरी दुनिया हुई। कंगना रनौत आज भी जो बयान दे रही कि उग्रवाद, आंतकवाद को बढ़ावा देने के लिए ये लोग कार्यवाही कर रहे है, जबकि देश के अंदर पूरी शांति है। आज भी उसकी जुबान पर कंट्रोल नहीं। पहले भी जो इस बेटी की भावनाओं को ठेस पहुंची थी उसकी का परिणाम है कि आज कंगना रनौत जैसी जो सांसद है उसके मुंह पर थप्पड़ पड़ा।

उचाना धरना संचालक एवं किसान नेता आजाद पालवां ने कहा कि किसी की भावनाओं को आहत पहुंचाना, किसी की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना, किसी की मां-बाप को गाली देना सही तो कुछ भी नहीं। इस देश के अंदर देश का पीएम सोया हुआ था। हमारी बेटियों को जंतर-मंतर पर बलात्कार की शिकार थी और बलात्कारी का पक्ष लिया जा रहा था, लेकिन हम इसको कुलविंद्र कौर के पक्ष में खड़े है। उसको सैल्यूट भी करते है। जो बतमीज, बदजुबान राजनेता है, उनको सबक सिखाने का काम किया। इसी प्रकार से इन राजनेताओं द्वारा अपनी जुबान पर कंट्रोल नहीं किया तो देश में गंभीर परिणाम भुगतने पड़ेंगे क्योंकि एक क्रांति का आगाज हो चुका है। ये इसलिए राजनेताओं को भी अपनी जुबान पर कंट्रोल करना चाहिए।
पूर्व सीएम फर्शा लेकर गर्दन काटने की बात करता है
13 महीने आंदोलन चला उस दौरान भी हमारे को आंतकवादी, माववादी, खालिस्तानी क्या-क्या नहीं किया गया। देश के पीएम द्वारा परजीवी कहा गया। पूर्व सीएम फर्शा लेकर गर्दन काटने की बात करता है, बिजली कर्मचारियों को फांसी पर लटकाने की बात करता है अगर उस बेटी ने जिसकी भावनाओं को ठेस पहुंची, जिसकी मां को गाली दी गई। उसकी मांग को कहा गया 100-100 रुपए लेकर धरने पर आती है। उस भावना से हताशा होकर उसने ये कदम उठाया। ये कदम तो वो पहले उठाना चाहती थी लेकिन उसको मौका नहीं मिला। इस थप्पड़ की गूंज पूरी दुनिया में पहुंची। मीडिया ने इसका आडम्बर बना दिया। मीडिया को वो भी दिखाना चाहिए राजनेताओं ने सोच-विचार करना चाहिए था कि ऐसी नौबत क्यों आई। इसको बिल्कुल सही मानते है।

750 किसानों की शहादत
हमने फैसला लिया है कि कुलविंद्र जैसे ही जेल से रिहा होकर आएगी तो उसको उचाना धरने पर बुलाकर सम्मानित करने का काम करेंगे। सरकार को चेतावनी भी देना चाहते है कि कानून से बाहर आकर इस बेटी के खिलाफ कोई भी कार्यवाही की तो सहन नहीं होगी। किसान नेत्री सिक्कम सफा खेड़ी ने कहा कि बिल्कुल सही है, जो कंगना रनौत ने किसान आंदोलन के दौरान ये कहा था कि जो धरने पर किसान, मजदूरों की महिलाएं बैठी है, वो 100-100 रुपए लेकर आई है। ये कहीं न कहीं हिंदुस्तान की मां-बहन के लिए गाली का काम किया था। वो दर्द था 750 किसानों की शहादत की है, उन शहादतों का कहीं न कहीं दिमाग के ऊपर एक प्रेशर था और एक्शन का रिएक्शन हुआ। लगातार बहन-बेटियों की इज्जत को तार-तार किया जा रहा है।
सरकार उल्टा काम कर रही
मणिपुर के अंदर, नूंह मेवात के अंदर और लगातार जो बेटियां है बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का अभियान सरकार ने चलाया जरूर है, लेकिन सरकार इसके उल्टा काम कर रही है। जंतर-मंतर पर बहन-बेटियों को घसीटा गया। महिलाओं को अपनी सुरक्षा के लिए, हमारी बहन-बेटियों की तरफ कोई उंगली उठाने का काम करेगा तो उसका जबाव दिया जाएगा। ईंट का जबाव पत्थर दिया जाएगा। हम उस बहन के साथ है। सरकार को कहते है कि बकायदा जो उसकी नौकरी थी उसको उस नौकरी के ऊपर रखा जाए। जो साथी है उसको किसी के साथ टार्जर नहीं किया जाए। हिंदुस्तान की बेटी के साथ सभी महिलाएं खड़ी है।
कुलविंद्र और कंगना में जमीन-आसमान का फर्क
किसान नेत्री सिक्कम सफा खेड़ी ने कहा कि कंगना रनौत है, वो शरीर की नुमाइश करती है। हम उसको उस निगाह से नहीं देख सकते। कुलविंद्र कौर और कंगना रनौत इसका तो जमीन आसमान का फर्क है। जो बेटी देश की रक्षा कर रही है, अपने परिवार को पाल रही है। कंगना रनौत जो है ये अय्याशी किस्म की महिला है। महिला महिला में भी अंतर होता है। जो कंगना रनौत है ये अपने शरीर की नुमाइश करके आंडबर फैला कर बीजेपी की तरफ से सांसद बनने का काम किया। किसानों के साथ जो बदसुलकी की तो वो सांसद बनने के लिए की थी ताकि ये मोदी की निगाह में आए उसे कोई पद दिया जाए। ये लालची, अय्याश किस्म की महिला है। जो हमारी कुलविंद्र कौर है वो शेरनी है, जाटनी है। किसान, मजदूर के घर की बेटी है एक जवान है। यानि उसका और कंगना रनौत दिन-रात का फर्क है। कंगना रनौत ने कहा था कि 100-100 रुपए कीमत बताई थी। हमारी कीमत 100 रुपए है तो उसकी जीरो है।