Panipat शहर में दो भाइयों ने नकली इंजन ऑयल(Fake engine oil company) बनाकर बेचने का काम किया। ये दोनों एक मशहूर कंपनी के नाम का गलत इस्तेमाल कर रहे थे और नकली ऑयल(fake oil) को असली बताकर कई सालों से बाजार में बेच(many years busted) रहे थे। इस फर्जीवाड़े का पता कंपनी द्वारा कराए गए एक सर्वे से चला, जिसके बाद कंपनी ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के बाद पुलिस ने दोनों भाइयों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। यह केस कॉपीराइट एक्ट और अन्य धाराओं के तहत दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता सुभाष शर्मा ने बताया कि वह नई दिल्ली के कालका जी एक्सटेंशन इलाके में रहते हैं और C3I कन्सलटेन्ट इंडिया प्राइवेट कंपनी में ऑपरेशन मैनेजर के पद पर काम करते हैं। कैस्ट्रॉल कंपनी(Castrol Company) ने उनकी कंपनी को नकली तेल पकड़ने का जिम्मा दिया हुआ है। सर्वे के दौरान पता चला कि उमेश गर्ग और श्रीकांत, जो देशराज कॉलोनी में रहते हैं, एक गोदाम में बिना अनुमति के नकली कैस्ट्रॉल इंजन ऑयल बना रहे थे।

यह नकली ऑयल बाइक में डालने के लिए बनाया जा रहा था और इसे सस्ते दामों पर बेचा जा रहा था। इन दोनों भाइयों ने नकली ऑयल को असली कैस्ट्रॉल ऑयल बताकर बेचने का काम किया और इसके लिए कोई बिल नहीं दिया। यह सब धोखाधड़ी से किया जा रहा था, जिससे कंपनी को भारी नुकसान हो रहा था। शिकायत के बाद पुलिस ने फौरन कार्रवाई की और दोनों भाइयों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उनके गोदाम में छापा मारा और वहां से नकली ऑयल के कई डिब्बे बरामद किए।

पुलिस ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है और पता लगाने की कोशिश कर रही है कि दोनों भाइयों ने कितनी मात्रा में नकली ऑयल बनाया और बेचा है। यह मामला पानीपत के व्यापारियों और ग्राहकों के लिए एक सबक है कि वे खरीदारी करते समय सतर्क रहें और असली और नकली उत्पादों में फर्क पहचानें। पुलिस ने जनता से अपील की है कि अगर उन्हें किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि के बारे में जानकारी मिलती है, तो वे तुरंत पुलिस को सूचित करें।