BJP में हरियाणा विधानसभा चुनावों के शेड्यूल के ऐलान के बाद पार्टी के तमाम बड़े मंत्रियों, नेताओं में टिकट की दावेदारी और चुनाव लड़ने को लेकर खुलकर तकरार सामने आ रही है। कोई नेता एक दूसरे का विरोध कर अपनी स्थिति मजबूत दिखा रहे हैं। तो कोई पार्टी को ही बागी तेवर दिखाकर सीधे तौर पर चैलेंज कर रहे हैं। इन्हीं नेताओं में एक नाम रणजीत चौटाला का भी है। वो ही रणजीत चौटाला जो मौजूदा हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और गत लोकसभा चुनावों में भाजपा के टिकट पर ही लड़े थे, हालांकि उन्हें हार की मूंह देखना पड़ा। फिलहाल, वो रानियां विधानसभा से विधायक हैं।
मगर रणजीत के पार्टी से यूं उखड़ा होने के पीछे उनकी टिकट कटने का अंदेशा माना जा रहा है। दरअसल, भाजपा ने गोविंद कांडा की पार्टी हलोपा (हरियाणा लोकहित पार्टी) से गठबंधन किया हुआ है और इसी सीट से हलोपा ने गोविंद कांडा के बेटे धवल कांडा को उम्मीदवार घोषित कर दिया है।बस इसी को लेकर रणजीत पार्टी से खफा हैं। रणजीत कांडा बंधुओं और हलोपा के खिलाफ बयानबाजी करने में बिल्कुल भी पीछे नहीं हैं। दूसरी तरफ, रणजीत चौटाला ने कांग्रेस में जाने और पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा से हाथ मिलाने को लेकर कहा- ”ये समय की बात है, राजनीति में समय बदलता रहता है।”
रणजीत का BJP को खुला चैलेंज
इस सियासा हलचल के बीच मंत्री रणजीत चौटाला ने अपनी ही पार्टी को खुला चैलेंज दे दिया है। रणजीत चौटाला ने कहा-” रानियां से बीजेपी मुझे टिकट देती है तो ठीक, वरना भाजपा अपना देख ले। मैं रानियां से चुनाव जरूर लड़ूंगा और जीतूंगा भी। मैं चौधरी देवीलाल का बेटा हूं, प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों पर मेरा अपना जनाधार है।”
समर्थकों के साथ बैठक हुई, BJP नेताओं को नहीं बुलाया
रणजीत चौटाला ने कांडा बंधुओं का रवैया देख सोमवार को समर्थकों के साथ भी मीटिंग की। हालांकि इस मीटिंग में भाजपा नेताओं को नहीं बुलाया गया था। इस मीटिंग में रणजीत चौटाला ने गोपाल कांडा पर तीखी बयानबाजी करते हुए कहा, ”गोपाल कांडा का काम है, 1 सीट जीतो और फिर सीएम से CLU करवाओ। इस बार ये सिरसा भी हारेंगे।”
चौटाला ने आगे कहा कि भाजपा ने तो हरियाणा लोकहित पार्टी के अध्यक्ष गोपाल कांडा के सामने शर्त रखी है कि एक ही सीट देंगे, वह भी गोपाल कांडा को छोड़कर उनके परिवार के एक सदस्य चुनाव लड़ाएगी।’
वहीं खबर ये भी है कि रानियां हलके से हलोपा उम्मीदवार उतारने पर रणजीत चौटाला गोपाल कांडा की शिकायत पार्टी नेतृत्व से कर चुके हैं। अभी BJP की तरफ से रणजीत चौटाला की शिकायत पर कोई कार्रवाई या प्रतिक्रिया नहीं आई है।
कांग्रेस में जाने की चल रही चर्चा
चर्चा चल रही है कि रणजीत चौटाला 22 अगस्त को पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा की मौजूदगी में चंडीगढ़ में भाजपा छोड़कर कांग्रेस जॉइन कर सकते हैं। हालांकि रणजीत चौटाला ने इसको अभी खारिज किया है। उन्होंने कहा कि, ‘मैं भाजपा में हूं और आगे भी भाजपा में ही रहूंगा। रानियां हलके से भाजपा के टिकट का फैसला हाईकमान करेगा।
63,381 वोटों से लोस चुनाव हार गए थे रणजीत
गत लोकसभा चुनाव में रणजीत सिंह चौटाला हिसार सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश उर्फ जेपी से 63,381 वोटों के अंतर से हार गए थे। जयप्रकाश को 48.58 प्रतिशत वोट मिले थे, जबकि रणजीत चौटाला को सिर्फ 43.19 प्रतिशत वोट ही मिले थे।
2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार भाजपा का वोट प्रतिशत 7.81 प्रतिशत कम हुआ है। 2019 में भाजपा को 51.13 प्रतिशत वोट मिले थे। वहीं कांग्रेस को 2019 में 15.63 प्रतिशत वोट मिले थे, जो अब बढ़कर 48.58 प्रतिशत हो गया। हिसार लोकसभा की 9 में से 6 सीटों पर जयप्रकाश जेपी ने जीत दर्ज की, जबकि रणजीत चौटाला सिर्फ 3 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाए।