कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव एवं सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि 6 अगस्त को आयोजित सीईटी के ग्रुप 57 की मुख्य परीक्षा में कथित रूप से एक और “पेपर लीक कांड” और एक दिन बाद यानि 7 अगस्त को ली गई ग्रुप 56 की परीक्षा में एक दिन पहले हुए ग्रुप 57 के पेपर के 41 प्रश्न रिपीट होने पर खट्टर सरकार को घेरा।
रणदीप सुरजेवाला ने आरोप लगाते हुए कहा कि मनोहर सरकार जींद में पकड़े गए पेपर लीक मामले पर पर्दा डालने की साजिश कर रही है। एचएसएससी हेराफेरी और सांठगांठ सर्विस कमीशन बन गया है। ‘कट-कॉपी-पेस्ट’ की तकनीक पेपर लीक करने का नया हथियार बन गई है। एचसीएस में सफल प्रयोग के बाद सीईटी में 41 प्रश्न रिपीट करके घालमेल किया गया है। ग्रुप 56 के पेपर में 50 गलतियों ने पूरी प्रक्रिया का मजाक बना दिया है। आरोप है कि पेपर लीक करके माल बनाने की जल्दी थी, इसलिए खट्टर सरकार आधी रात को कोर्ट पहुंची।
दो बार सीईटी का रिजल्ड निकाला और बदला
रणदीप सुरजेवाला ने याद दिलाया कि पहले तो दो बार सीईटी का रिजल्ट निकाला और बदला गया। 10 जनवरी 2023 को सीईटी का रिजल्ट निकाला गया था। फिर 25 जुलाई 2023 को निकाला। इस बीच 3 बार सीईटी के रिजल्ट में संशोधन करने का नोटिस भी दिया गया। 1 फरवरी 2023 को सीईटी के रिजल्ट में ‘सोशो इकोनॉमिक कैटेगरी’ के नंबर जोड़ने या काटने के लिए एचसीसी ने नोटिस जारी किया। यह प्रक्रिया पूरी हो गई, लेकिन प्रक्रिया से सीईटी के रिजल्ट की त्रुटियां ठीक नहीं हुईं।
आखिर में खारिज कर दिया सीईटी का रिजल्ट
सुरजेवाला ने बताया कि इसके बाद 10 मार्च 2023 को एचएसएससी ने दूसरी बार पब्लिक नोटिस निकालकर ‘सोशो इकोनॉमिक कैटेगरी’ के नंबर जुड़वाने या कटवाने के लिए अभ्यार्थियों को निर्देश दिए। यह प्रक्रिया भी पूरी हो गई, लेकिन त्रुटियों को ठीक नहीं किया गया। मामला हाईकोर्ट में चला गया। एचएसएससी ने फिर तीसरी बार 28 जून 2023 को नोटिस जारी कर ‘सोशो इकोनॉमिक कैटेगरी’ के नंबर जुड़वाने या कटवाने को कहा। आखिर में एचएसएससी ने 10 जनवरी 2023 को सीईटी का रिजल्ट खारिज कर दिया और 25 जुलाई 2023 को सीईटी का रिवाइज्ड रिजल्ट जारी किया गया।
सरकार व एचएसएससी ने गलती मानने की बजाय रातों-रात दायर की अपील
रणदीप ने बताया कि पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट की एकल बेंच ने 4 अगस्त 2023 को सीईटी का रिजल्ट ही खारिज कर दिया, क्योंकि उसमें काफी गलतियां थी। मनोहर सरकार व एचएसएससी ने गलती मानने की बजाय रातों-रात आनन-फानन में अपील दायर की। 5 अगस्त 2023 को हाईकोर्ट के एकल जज के फैसले पर स्टे ले लिया। हाईकोर्ट की दो जजों की खंडपीठ ने भी इस त्रुटिपूर्ण सीईटी रिजल्ट (जो एकल जज ने पूरी तरह से निरस्त किया था) के आधार पर लिए गए पेपर के नतीजों को निकालने पर रोक लगा दी। ऐसे में अगर सीईटी का रिजल्ट ही डिवीजन बेंच द्वारा निरस्त किया जाता है तो उस सीईटी रिजल्ट के आधार पर नियुक्तियों के लिए पेपर लेने का औचित्य ही क्या है?