(समालखा से अशोक शर्मा की रिपोर्ट) श्री Guru Nanak देव जी के प्रकाश पर्व के उपलक्ष में मंगलवार को पहली प्रभातफेरी निकाली गई। प्रभात फेरी गुरुद्वारा नानक दरबार साहिब से आरम्भ होकर बाबा मोहन सिंह के निवास स्थान पहुंची, परिवार की तरफ से पुष्प वर्षा करके प्रभातफेरी का स्वागत किया गया। भाई गुरमुख सिंह ने “सतगुरु नानक प्रगटया, मिट्टी धुंध, जग चानन होया, शब्द गायन करके संगत को निहाल किया।
इसके उपरांत नानक नाम चढ़दीकला तेरे भाने सरबत दा भला अरदास की गई। इस अवसर पर गुरुद्वारा कमेटी प्रधान जगतार सिंह बिल्ला ने कहा कि गुरु पर्व से पहले भारत ही नहीं बल्कि देश-विदेश में भी प्रभात फेरियां निकाली जाती हैं। प्रभात फेरी में प्रभात का अर्थ सुबह के समय से है, यानी सुबह 4 बजे के बाद जो समय है वह प्रभात का है और फेरी का मतलब होता है आस-पास घूमना… इसलिए प्रभात फेरी वह है, जब सुबह के समय कुछ लोग साथ मिलकर अपने आसपास के इलाके में घूमते हैं।
प्रभात फेरी का इतिहास काफी पुराना है, लेकिन खासतौर से सिख धर्म में प्रभात फेरी को अधिक अहमियत मिली है। आज भी न सिर्फ सिख बल्कि दूसरे समुदायों के लोग भी गुरुपूर्व से पहले ही प्रभात फेरियां शुरू करते हैं, ताकि गली-गली घूमकर सिख गुरुओं की सीख को लोगों तक पहुंचाया जाए। इस अवसर पर चरण सिंह, गुरप्रीत सिंह, राधेश्याम ढ़ीगडा, राजेश शर्मा, सुरेंद्र कुमार, तिलक चौपड़ा, तारा चन्द, नारायण दास, शाम सिंह, देव मल्होत्रा, इन्द्र कुमारआदि मौजूद रहें।