Haryana के शहरी स्थानीय निकाय, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री विपुल गोयल ने आज नगर आयुक्तों और नगर परिषदों के चेयरमैन के साथ बैठक की। उन्होंने कहा कि विकास परियोजनाओं में निर्माण सामग्री की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जाएगी।
बैठक का मुख्य उद्देश्य
यह बैठक नगर परिषद नरवाना, जींद, मंडी डबवाली, थानेसर, और रतिया में विकास कार्यों और हरियाणा रेट्स के अनुमोदन को लेकर आयोजित की गई थी। बैठक में शहरी स्थानीय निकाय विभाग के अधिकारी और संबंधित नगर परिषदों के चेयरमैन मौजूद रहे।
महत्वपूर्ण निर्णय
- टेंडर प्रक्रिया में पारदर्शिता:
- निविदा प्रक्रिया में नेगोशिएशन के माध्यम से पारदर्शी तरीके से कार्य आबंटित किए जाएंगे।
- ठेकेदारों द्वारा एकाधिकार नहीं चलने दिया जाएगा।
- जांच के आदेश:
- जींद नगर परिषद की चेयरपर्सन द्वारा टेंडर प्रक्रिया में तकनीकी विंग द्वारा विलंब की शिकायत पर मंत्री ने एक महीने के भीतर जांच के आदेश दिए।
- उन्होंने निर्देश दिया कि कार्य आबंटन से पहले एजेंसी के पिछले रिकॉर्ड और गुणवत्ता की जांच की जाए।
- कर्मचारियों की कमी:
- सभी नगर परिषदों और नगर पालिकाओं से कर्मचारियों की आवश्यकताओं पर रिपोर्ट मांगी गई है।
- रिपोर्ट आने के बाद पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
विकास कार्यों की स्वीकृति
बैठक में निम्नलिखित विकास कार्यों के लिए हरियाणा रेट्स निर्धारित किए गए:
- नगर परिषद जींद:
- दिल्ली-फिरोजपुर रेलवे लाइन के पास डंप किए गए कचरे का उठान।
- एकलव्य स्टेडियम, जींद में सिंथेटिक ट्रैक बिछाने का कार्य।
- मंडी डबवाली:
- राम बाग के पीछे डंप किए गए लिगेसी वेस्ट का जैविक उपचार।
- नरवाना:
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय अध्ययन केंद्र का निर्माण।
- रतिया:
- नई कॉलोनियों में सड़क और गलियों का निर्माण, जिसमें इंटरलॉकिंग पेविंग ब्लॉक शामिल हैं।
मंत्री का बयान
श्री विपुल गोयल ने कहा कि विकास कार्यों में देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी और टेंडर प्रक्रिया एक महीने के भीतर पूरी होनी चाहिए। साथ ही, निर्माण कार्यों में गुणवत्ता को प्राथमिकता दी जाएगी।
आगे की योजना
इस बैठक के बाद विकास कार्यों में गति लाने और कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए जल्द ही ठोस कदम उठाए जाएंगे।