Haryana पश्चिमी उत्तर प्रदेश से उठा जाटलैंड का मुद्दा किसानों के जोर पकड़ रहे आंदोलन पर असर डाल सकता है। आंदोलन को धार देने के लिए मंगलवार को हिसार की जाट धर्मशाला में जुटीं प्रदेश की विभिन्न खापों के प्रधानों ने इसकी आशंका जताई है। किसान नेताओं ने तो यहां तक कह दिया है कि जाटलैंड मांगने वालों से सचेत रहना होगा।
पेट में छुरी घोंपने वालों से बचना चाहिए
महम चौबीसी खाप के महासचिव रामफल राठी ने कहा कि देश की एकता के लिए हम तैयार हैं। जो जाटलैंड मांग रहे हैं सरकार को उनसे सतर्क रहना चाहिए और देश की एकता को बनाए रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि यूपी में जाटों के आरक्षण का मामला उठाकर किसानों को बेच गया। इसी तरह पहलवानों के आंदोलन को फेल किया। ऐसे लोगों से भी किसानों को सचेत होना है। पेट में छुरी घोंपने वालों से बचना चाहिए। अपनी मांगों को मनवाने का सबको अधिकार है।
शांति भंग करने वालों से सतर्क रहें
दहिया खाप के प्रधान जयपाल सिंह ने कहा कि किसानों ने अपने धरने स्थगित किए थे, खत्म नहीं किए थे। उस दौरान कमेटी ने ऐलान भी किया था कि जो किसान यूनियनें एकत्रित होकर आएंगी उनका समर्थन किया जाएगा, जो एकत्रित नहीं होंगी, उनका समर्थन नहीं किया जाएगा। उन्होंने शांति भंग करने वालों से किसानों को सतर्क रहने की अपील करते हुए कहा कि अपने बच्चों को पढ़ाएं और देश की तरक्की में शामिल हों। खिलाड़ियों के आंदोलन का मिसयूज किया गया।
36 बनाम जाट का नारा गलत
खापों ने एलान किया गया असामाजिक तत्व 36 बनाम जाट का नारा दे रहे हैं, जो पूरी तरह गलत है। जैसे यूपी से जाटलैंड बनाने की आवाज आई थी। हमें ऐसा कोई कदम नहीं उठाना है। खापों का मुख्य मकसद एमएसपी हासिल करना है। सरकार से मांग करते हुए कहा कि दिल्ली कूच करने वाले किसानों को रास्ते में नहीं रोका जाए। अगर किसानों को रोका गया तो आंदोलन भड़क सकता है। किसान संगठनों से अपील की गई कि दिल्ली कूच के दौरान भाईचारा बनाकर रखें। कुछ भी गलत न करें।