Gohana में फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवा कर दिव्यांग पेंशन लेने का एक बड़ा मामला सामने आया है। RTI के जरिए खुलासा हुआ कि लोग फर्जी तरीके से दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाकर सरकार को करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा रहे थे। गोहाना के गांव भावड़ में एक महिला ने हरियाणा सामाजिक कल्याण विभाग में RTI दायर की, जिसमें यह जानकारी सामने आई कि कैसे कई लोग फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर पेंशन ले रहे थे।
विभागीय जांच में यह पाया गया कि अकेले गांव भावड़ में 82 में से 42 लोग फर्जी दिव्यांगता प्रमाण पत्र बनवाकर पेंशन ले रहे हैं, जिससे सरकार को करीब 42 लाख रुपए का नुकसान हुआ। इन 42 लोगों को रिकवरी नोटिस जारी किए गए हैं और अब तक 10 लाख रुपए की रिकवरी भी की जा चुकी है। जिले में कुल 15 लाख रुपए की रिकवरी हो चुकी है।
शहरी स्तर पर 8-8 सदस्यीय कमेटियों का गठन किया गया
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सोनीपत के उपायुक्त डॉ. मनोज कुमार ने जांच के आदेश दिए हैं। उपमंडल और शहरी स्तर पर 8-8 सदस्यीय कमेटियों का गठन किया गया है, जो जिले के करीब 2 लाख पेंशनधारकों की री-वेरिफिकेशन करेंगे। अगर कोई फर्जी प्रमाण पत्र से पेंशन लेता मिला, तो उससे रिकवरी की जाएगी और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में संजय नामक शख्स द्वारा दी गई शिकायत के बाद जांच शुरू की गई और उच्च न्यायालय में याचिका भी दायर की गई है।