Haryana EC ने पंचायत समितियों और जिला परिषदों में चेयरमैन, वाइस चेयरमैन तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्षों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के संबंध में नई गाइडलाइंस जारी की हैं। आयोग ने स्पष्ट किया है कि अविश्वास प्रस्ताव के मतदान में बैलट बॉक्स का इस्तेमाल किया जाएगा और यह प्रक्रिया गुप्त मतदान के रूप में होगी।
नोटिस भेजने की प्रक्रिया
हरियाणा राज्य चुनाव आयुक्त धनपत सिंह
जब कोई जनप्रतिनिधि अविश्वास प्रस्ताव लाएगा, तो उस पंचायत समिति या जिला परिषद के सभी सदस्य को पंजीकृत डाक के माध्यम से नोटिस भेजा जाएगा। इसके अलावा, सदस्य को व्हाट्सएप के जरिए या व्यक्तिगत रूप से भी सूचना दी जा सकती है। यह जानकारी संबंधित खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी, उपमंडल अधिकारी (नागरिक) और उपायुक्त कार्यालयों के सूचना पट पर भी प्रकाशित की जाएगी।
बैठक की प्रक्रिया
सूचना जारी होने के बाद संबंधित प्राधिकारी को बैठक बुलाने के लिए कम से कम 10 दिन का समय देना होगा। बैठक में अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में मतदान किया जाएगा, और यह प्रक्रिया गुप्त वोटिंग स्लिप के जरिए पूरी की जाएगी। रिटर्निंग अधिकारी और पीठासीन अधिकारी बैठक से पहले वोटिंग प्रक्रिया की पूरी जानकारी सदस्यों को देंगे।
बैलट बॉक्स खोलने की प्रक्रिया
वोटिंग के अगले दिन, रिटर्निंग अधिकारी और पीठासीन अधिकारी की उपस्थिति में बैलट बॉक्स खोला जाएगा और गुप्त वोटिंग स्लिप की गिनती की जाएगी। इसके बाद बैठक की प्रक्रिया पूरी होने की जानकारी उसी दिन हरियाणा राज्य चुनाव आयोग को भेजी जाएगी और संबंधित पंचायत समिति या जिला परिषद के पट्ट पर प्रदर्शित की जाएगी।
वैधानिक प्रावधान
पंचायत समितियों के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन, तथा जिला परिषदों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 62 और धारा 123 के तहत लाया जा सकता है।