शंभू बॉर्डर एक किसान ने आत्महत्या की भी कोशिश की। किसान ने सल्फास की गोलियां निगल ली, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया। किसान की पहचान लुधियाना के खन्ना निवासी जोद सिंह के रूप में हुई है।
घटना के बाद किसान नेताओं ने अस्पताल पहुंचकर किसान की स्थिति का जायजा लिया। फिलहाल किसान की हालत के बारे में विस्तृत जानकारी का इंतजार है। इस मामले को लेकर किसान संगठनों में हलचल मच गई है।
12 बजे किसानों का जत्था हुआ था रवाना
आज हरियाणा-पंजाब के शंभू बॉर्डर से 101 किसान दोपहर 12 बजे दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन घग्गर नदी पर बने पुल पर उन्हें हरियाणा पुलिस ने रोक दिया। पुलिस ने किसानों को रोकने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले फेंके। साथ ही वाटर कैनन का भी इस्तेमाल किया गया। बताया जा रहा है कि 17 किसान घायल हुए हैं। किसानों का जत्था वापस बुलाया गया है। पंजाब की तरफ से 10 सरकारी एंबुलेंस भी खड़ी की गई हैं।
इस आंदोलन में कांग्रेस नेता और पहलवान बजरंग पूनिया सहित अन्य लोग शामिल है। पुनिया ने कहा कि किसानों को एसपी की गारंटी के मुद्दे पर पिछले 13 महीनों से और अभी 10 महीनों से संघर्ष करना पड़ रहा है, जिससे कुल मिलाकर दो साल हो जाएंगे। उनकी मांग है कि किसानों की आवाज को सरकार सुने और उन्हें एसपी दिया जाए। पुनिया ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसानों द्वारा बनाई गई कमेटी कोई निर्णय लेती है तो उसे समर्थन मिलेगा। उन्होंने सरकार से वन नेशन, वन इलेक्शन के नियम के साथ एमएसपी की गारंटी लागू करने की भी मांग की।
बजरंग पुनिया ने किसानों के समर्थन में जनता से भी अपील की है और एमएसपी कानून की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसे सरकार ने पहले किसानों से किया था। अब किसान एकत्रित होकर अपनी मांगों को लेकर एकजुट हो रहे हैं और सरकार से अपनी आवाज सुनने की अपील कर रहे हैं। क्या बजरंग पुनिया की अपील किसानों की आवाज को सरकार तक पहुंचा पाएगी? केवल समय ही बताएगा।
12 गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद
किसान नेता सरवण पंधेर ने कहा डल्लेवाल की सेहत को लेकर पूरा देश चिंतित है। मगर, देश के प्रधानमंत्री नहीं। प्रशासन ने शंभू बॉर्डर पर भारी संख्या में सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की है। इसके अलावा हरियाणा सरकार ने अंबाला जिले के 12 गांवों में इंटरनेट सेवाएं बंद जारी रखने का फैसला किया है।
किसान पीछे हटने वाले नहीं
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने शुक्रवार शाम बयान जारी करते हुए कहा कि सरकार चाहे जितनी कोशिश कर ले, किसान पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने हरियाणा और पंजाब के किसानों से शंभू बॉर्डर पर बड़ी संख्या में जुटने की अपील की है। उनका कहना है कि यह आंदोलन पूरे देश के किसानों तक अपनी आवाज पहुंचा रहा है।