Awareness program organized on POCSO Act and Juvenile Justice Act in Bhiwani, appeal for cooperation from citizens

Bhiwani में पोक्सो एक्ट और किशोर न्याय एक्ट पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन, नागरिकों से सहयोग की अपील

भिवानी

Bhiwani में पोक्सो एक्ट, बचपन बचाओ आंदोलन, किशोर न्याय एक्ट और मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन समाज में बच्चों और किशोरों के अधिकारों को सुरक्षित रखने और उनका संरक्षण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया जाता है। इन कार्यक्रमों में विभिन्न सरकारी और गैर-सरकारी संगठन, शिक्षा संस्थान, और समुदायिक संगठन हिस्सा लेते हैं ताकि लोगों को इन मुद्दों के बारे में जानकारी दी जा सके और समाज में इस संबंध में संवेदनशीलता बढ़ाई जा सके।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया के निर्देश पर, सीजेएम-कम-सचिव पवन कुमार की अध्यक्षता में मध्यस्थों, पैनल अधिवक्ताओं, पैरा लीगल वॉलिंटियर्स और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के लिए किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम, पोक्सो अधिनियम 2012, बचपन बचाओ आंदोलन और मानव तस्करी पर एक प्रशिक्षण और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया।

इस कार्यक्रम में लीगल एड डिफेंस काउंसलर की डिप्टी चीफ एडवोकेट बबली पवार, पैनल एडवोकेट किरण जांगड़ा, अनुराधा खंगनवाल, प्रदीप वशिष्ठ और पैनल एडवोकेट विनोद कुमार ने विस्तार से जानकारी दी।

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पोक्सो अधिनियम और किशोर न्याय अधिनियम पर जानकारी:

वकिलों ने पोक्सो अधिनियम और किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के बारे में बताया, जिसमें बच्चों का यौन शोषण, उत्पीड़न और पोर्नोग्राफी के खिलाफ कड़े प्रावधान किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यदि कोई बच्चा गैर-कानूनी या समाज विरोधी कार्य करता है, तो उसे बाल अपराध माना जाएगा। ऐसे मामलों को बाल न्यायालय में पेश किया जाएगा, और गंभीर अपराधों में लिप्त बाल अपराधियों को जेल की सजा दी जा सकती है।

बाल अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई:

कार्यक्रम में यह भी बताया गया कि बाल अपराधियों को उम्रकैद या फांसी की सजा नहीं दी जा सकती है, लेकिन उन्हें जेल की सजा दी जा सकती है। इस जागरूकता कार्यक्रम में पैनल अधिवक्ता, पैरा लीगल वॉलिंटियर्स और संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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