हरियाणा के नूंह(Nuh) में इस साल के सबसे पहले गौ रक्षक बिट्टू बजंरगी(cow protector Bittu Bajrangi) को कथित तौर पर जान से मारने की धमकी(death threat) मिली है और एक नाबालिग को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया गया है। नूंह के महादेव मंदिर में मुस्लिम दंगाइयों ने लगभग 300-400 लोगों को बंधक बनाया गया था। जिसके कारण नूंह बीते साल जुलाई में सुलग रहा था। तब 31 जुलाई में बृजमंडल यात्रा(Brij Mandal Yatra) निकालनी थी, लेकिन इससे पहले ही सोशल मीडिया पर भड़काऊ बयान(Provocative statement) आने लगे थे। फिर नलहरेश्वर मंदिर से बृजधाम के लिए निकली यात्रा 2.5 किमी ही चली थी कि यात्रा पर पथराव हो गया।
बताया जा रहा है कि अब इस साल 22 जुलाई को फिर बृजमंडल यात्रा निकलनी है। नूंह का ये मंदिर पहाड़ो से घिरा है। पिछले साल हिंसा के दौरान मंदिर के बाहर मौजूद श्रद्धालुओं पर पहाड़ों में छिपकर फायरिंग की गई थी। वही मंदिर के पुजारी से पूछा गया कि बृजमंडल यात्रा फिर से होने वाली है, क्या कोई डर है, तो जवाब मिला डर कैसा बाबा की चौखट में बैठे है और हमने मर्यादा का पालन पहले भी किया था। इस बार भी करेंगे। पिछले साल की यात्रा के दौरान हिंसा भड़क उठी थी। जिसमें बजंरग दल के एक सदस्य और एक मौलवी साहब समेत छह लोगों की मौत हो गई थी।

पुलिस को दी शिकायत में बजंरगी ने बताया कि वह धार्मिक हिंसा में सक्रिय रूप से भाग लेता है और गौ रक्षा बजंरग फोर्स का राष्ट्रीय अध्यक्ष है। बिट्टू बजंरगी ने बताया मुझे फोन पर जान से मारने की धमकी दी गई है। मुझे पहले भी ऐसी धमकीयां दी जा चुकी हैं और इसके बारे में दस्तावेज भी दर्ज है। वही मुझे कॉल करने वाले ने कहा था कि पिछले साल मेरी किस्मत अच्छी थी कि मैं बच गया। लेकिन इस बार वे मुझे नहीं छोडे़गे वे मुझे मार देगें उन्होंने आगे कहा कि अगर मैं मेवात या नूह गया तो मुझे नहीं छोड़ा जाएगा खासकर अगर मैं नाल्हर मंदिर में प्रार्थना करूंगा।

बजंरग दल के प्रति शत्रुतापूर्ण हिंसा
पिछले साल 31 जुलाई को यात्रा के दौरान हिंसा भड़क गई थी जिसके बाद पुलिस ने नूंह में सैकड़ों युवाओं को गिरफ्तार कर लिया था। अन्वेषक में खुलासा हुआ कि जूनैद निवासी जुनैद और नासिर की हत्या के बाद बजंरग दल के प्रति शत्रुतापूर्ण हिंसा का एक कारण था। जुनैद और नासिर पर कथित तौर पर गौरक्षकों ने मार-पिटाई और जला दिया था। जुनैद-नासिर हत्याकांड में जेल में बंज बजरंगी और मोनू मानेसर को सोशल मीडिया पर कथित तौर पर प्रतिबंधित सामग्री पोस्ट करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। बजरंगी नफरत फैलाने वाले भाषण में कई मुद्दे शामिल हैं।
