हरियाणा की 102 खाप पंचायतों ने केंद्र सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर 9 जनवरी तक आमरण अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत डल्लेवाल से बातचीत नहीं की गई, तो मुजफ्फरनगर में देश की सभी खापों की महापंचायत बुलाई जाएगी। इस महापंचायत में कड़े फैसले लिए जाएंगे।
हिसार के बास गांव में आयोजित 5 घंटे लंबी महापंचायत में खाप प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि वे तब तक किसान आंदोलन का समर्थन नहीं करेंगे जब तक किसानों का एकजुट होना सुनिश्चित नहीं हो जाता। खापों ने कहा कि यदि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा एकता के लिए बैठक बुलाते हैं, तो खापों की 18 सदस्यीय कमेटी सबको एक मंच पर लाने के लिए काम करेगी।
पंजाब से हरियाणा तक आंदोलन की गूंज
इससे पहले शंभू बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसान मजदूर मोर्चा के सयोंजक सरवण सिंह पंधेर ने अपने भाषण में कहा, “हमने पंजाब में आंदोलन शुरू किया, वहां माहौल बना। अब हरियाणा में भी किसानों को एकजुट करने का प्रयास हो रहा है।” उन्होंने जोर दिया कि आंदोलन तभी सफल होगा जब सभी किसान संगठनों और खापों के बीच सामंजस्य होगा।
बजरंग पूनिया ने साधा सरकार पर निशाना
बजरंग पूनिया ने कहा, “सरकार किसानों को विभाजित करने की कोशिश कर रही है। हमें एकजुट रहना होगा, वरना सरकार हमें सड़कों पर घसीटती रहेगी।” उन्होंने किसानों से अपील की कि आपसी मतभेद भूलकर आंदोलन को ताकत दें।
खाप पंचायत का बड़ा फैसला
दहिया खाप के प्रधान जयपाल दहिया ने बताया, “11 सदस्यीय कमेटी बनाई गई है, जो किसान संगठनों और खापों के हित में निर्णय लेगी। इस महापंचायत का एजेंडा सभी संगठनों को एक मंच पर लाना है।”
मंच पर मचा हंगामा
महापंचायत के दौरान एक व्यक्ति मंच पर चढ़कर बोलने की जिद पर अड़ गया, जिससे वहां हंगामा हो गया। हालांकि, नेताओं ने स्थिति को संभाल लिया।
आंदोलन की नई रणनीति पर विचार
किसान नेता सरवण सिंह पंधेर ने बताया कि आंदोलन को नई दिशा देने के लिए अब तक 14 बैठकें हो चुकी हैं। उन्होंने कहा, “दिल्ली आंदोलन को खत्म नहीं, बल्कि स्थगित किया गया था। अगर सरकार ने मांगें नहीं मानीं तो आंदोलन दोबारा शुरू होगा।”