हरियाणा के 5 बार मुख्यमंत्री रहे OP Chautala का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ कर दिया गया है। ओम प्रकाश चौटाला के दोनों बेटों अजय और अभय चौटाला ने उनकी चिता को मुखाग्नि दी। समाधि स्थल तक ले जाते समय उनके पार्थिव शरीर पर समर्थकों ने फूल बरसाएं और ‘ओपी चौटाला अमर रहे’ के नारों से माहौल भावुक हो गया है।
इनमें 8 क्विंटल गेंदा और 2-2 क्विंटल गुलाब-गुलदाउदी हैं। अब थोड़ी ही देर में राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन हो जाएंगे। OP चौटाला के अंतिम संस्कार में शोक व्यक्त करने के लिए उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और पंजाब के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने सिरसा पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर और सीएम नायब सैनी भी पहुंचे हुए हैं।

उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार रात को तेजा खेड़ा फार्म हाउस लाया गया, जहां आज सुबह 8 बजे से अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। हरियाणा सरकार ने उनके निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है।

ओम प्रकाश चौटाला का 89 वर्ष की आयु में गुरुग्राम के एक अस्पताल में निधन हो गया। वे पहले से ही दिल और शुगर समेत कई बीमारियों से ग्रस्त थे। उनके निधन से प्रदेश में शोक की लहर है, और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है।

ओपी चौटाला के अंतिम दर्शन के वक्त राजनीतिक तौर पर अलग-अलग चौटाला परिवार एक साथ दिखा। इस वीडियो में चौटाला के बड़े बेटे अजय चौटाला, छोटे बेटे अभय चौटाला और उनके भाई रणजीत चौटाला नजर आ रहे हैं। अभय इस वक्त इनेलो को संभाल रहे हैं।

वहीं अजय अपनी अलग पार्टी JJP बना चुके हैं। रणजीत चौटाला इसी साल लोकसभा चुनाव के वक्त भाजपा में शामिल हुए थे लेकिन विधानसभा चुनाव के वक्त टिकट न मिलने पर फिर से निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं।

पिता के निधन पर उनके छोटे बेटे अभय चौटाला ने 13 घंटे बाद सोशल मीडिया पर लिखा- पिताजी का निधन सिर्फ हमारे परिवार की नहीं, बल्कि हर उस व्यक्ति की व्यक्तिगत क्षति है, जिनके लिए उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका संघर्ष, उनके आदर्श और उनके विचार हमेशा हमारे दिलों में जिंदा रहेंगे।

अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे लोग।

ओपी चौटाला के मुख्यमंत्री कार्यकाल में वे टीचर भर्ती घोटाले में फंसे थे। जिसमें उन्हें बड़े बेटे अजय चौटाला के साथ 10 साल की कैद भी हुई थी। हालांकि 2 साल पहले ही उन्हें केंद्र की सजा माफी स्कीम के तहत रिहा कर दिया गया था। चौटाला ने तिहाड़ जेल में रहते 2017 से 2021 के बीच 10वीं से लेकर 12वीं तक की परीक्षा पास की थी। इसको लेकर उन पर ‘दसवीं’ फिल्म भी बनी। जिसमें चौटाला का किरदार अभिषेक बच्चन ने निभाया।

इससे पहले चौटाला के निधन पर PM नरेंद्र मोदी, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर, सीएम नायब सैनी और पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा के अलावा दिग्गज नेताओं ने उनके हरियाणा में योगदान को याद किया।

ओम प्रकाश चौटाला हरियाणा के सबसे अधिक पांच बार मुख्यमंत्री रहे, सात बार विधायक बने, और राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। उनका राजनीतिक सफर संघर्ष और उपलब्धियों से भरा रहा, और वे एक कुशल संगठनकर्ता, प्रखर वक्ता, समाजसेवी एवं दमदार राजनेता के रूप में जाने जाते थे। उनके निधन से हरियाणा की राजनीति में एक युग का अंत हो गया है, और उनकी लाजवाब कहानी हमेशा प्रेरणा देती रहेगी।

ओम प्रकाश चौटाला की राजनीति जीवन में जाट राजनीति, चौधरी देवीलाल की विरासत, और कई विवादों का गहरा प्रभाव था। वह हरियाणा में जाटों के सबसे प्रभावशाली नेताओं में से एक माने जाते थे। उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों और विवादों ने उनकी राजनीति को हमेशा सुर्खियों में बनाए रखा।

उन्होंने प्रदेश के विकास और जाट समुदाय के अधिकारों के लिए संघर्ष किया, लेकिन उनके कार्यकाल में कई विवादों ने उनकी छवि को प्रभावित भी किया। चौधरी देवीलाल का परिवार हरियाणा की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, और उनकी राजनीति का प्रभाव आज भी महसूस किया जाता है।

चौटाला परिवार की अगुवाई में जननायक जनता पार्टी (JJP) एक प्रमुख पार्टी बनी है, जो राज्य की सियासत में अपनी धाक जमाए हुए है। परिवार के सदस्य अब भी हरियाणा की राजनीति में सक्रिय हैं और जाट राजनीति को प्रभावित कर रहे हैं।