आज से 25 साल पहले आई फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ लोगों को आज भी उतनी ही पसंद आती है, जितनी वो अपने रिलीज टाइम पर आती थी। फिल्म का डायरेक्शन संजय लीला भंसाली ने किया था। उनके साथ सिनेमाटोग्राफर अनिल मेहता ने फिल्म में काम किया था। अब उन्होंने फिल्म के गाने तड़प-तड़प के बारे में एक खुलासा किया है।
संजय लीला भंसाली के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ की रिलीज ने उनके सेट और फिल्म मेकिंग में ग्रैंड सेट्स की शुरुआत की नींव रखी थी। यह तभी से उनकी फिल्मों की पहचान बन गई है। सीनियर सिनेमाटोग्राफर अनिल मेहता जिन्होंने संजय के साथ उनकी पहली फिल्म खामोशी और ‘हम दिल दे चुके सनम’ में काम किया था। उन्होंने साथ काम के दौरान का एक दिलचस्प किस्सा शेयर किया था।

1999 में आई फिल्म ‘हम दिल दे चुके सनम’ में सलमान खान और ऐश्वर्या राय की जोड़ी को आखिरी बार साथ देखा गया था। फिल्म हिट साबित हुई थी। दोनों की जोड़ी लोगों को वैसे ही बहुत पसंद थी। इसके साथ ही फिल्म जबरदस्त थी। ‘हम दिल दे चुके सनम’ में Salman Khan और ऐश्वर्या राय ने कमाल की एक्टिंग की थी। उन पर लोगों ने खूब प्यार लुटाया था। इस फिल्म को रिलीज हुए सालों हो चुके है, लेकिन इसके लगभग सारे गाने आज भी लोगों की जुबां पर है। उन्हीं में से एक गाना ‘तड़प तड़प के’ भी है कि इस गाने को तपते रेगिस्तान में शूट किया गया था।
सिनेमाटोग्राफर अनिल मेहता ने हाल ही में एक इंटरव्यू में फिल्म को लेकर बात की है उन्होंने ‘तड़प तड़प के’ गाने की शूटिंग का एक किस्सा बताया है। अनिल मेहता ने बताया कि ये गाना Salman Khan की इंस्पिरेशन से बनकर तैयार हुआ था। वो तपती रेत पर लेट गए थे और अपने ऊपर रेत डलवा रहे थे।
कौन हीरो ऐसा करता है?

अनिल ने कहा, मुझे याद है रेगिस्तान में Salman Khan बस सीन के साथ बहते चले गए थे। वरना कौन हीरो गर्म रेत में लेट जाएगा और लोगों से उस रेत को अपने ऊपर डालने के लिए कहेगा। वो खुद ऐसा कर रहे थे। आप अगर उनकी एनर्जी देखते तो अट्रैक्ट होते और फिर उन्होंने कुछ रेंडम चीजें करनी शुरु की। मैंने कैमरा लिया और फिर उस पल मै सलमान के साथ था। वो जो कर रहे थे, उससे मैं प्रभावित हुआ और मैंने शूट करना शुरु किया। उस समय सूरज को कैप्चर कर पाना मुश्किल था, जो आज आम बात हो गई है।
अनिल ने कहा कि Salman Khan की एनर्जी और काम को लेकर उनकी एक्साइटमेंट ने फिल्म के गाने ‘तड़प तड़प के’ में एक आइकॉनिक सीन जोड़ा। गर्म रेगिस्तान मे गाने की शूटिंग के एक्सपीरियंस को याद करते हुए अनिल ने कहा मुझे रेगिस्तान में याद है सलमान बस सीन के साथ बहते गए। नहीं तो कौन हीरो गर्म रेत में लेट जाएगा और लोगों से उस रेत को अपने ऊपर डालने के लिए कहेगा। वह ये सब खुद कर रहे थे।

यह बताते हुए कि कैसे सलमान की सहजता से उन्हें इंस्पायर किया और गाने का मूड तैयार किया। अनिल ने कहा तो मैनें ट्रायपॉड से कैमरा हटा लिया और फिर मैं उस पल में सलमान के साथ था। वह जो कर रहा था उसमें पूरी तरह डूबा हुआ था और बाद में कैमरा भी सूरज की तरफ जाता है। उस वक्त ये सीन बहुत ही बड़ा रिस्क था। आज ऐसा ही होता है लेकिन उस वक्त आसान नहीं था लेकिन हमारे साथ मास्टर ऑफ ड्रामा संजय लीला भंसाली थे।

हम दिल दे चुके सनम में अनिल मेहता के शानदार काम ने उन्हें बेस्ट सिनेमैटोग्राफी के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार दिलाया। बाद में उन्होंने लगान, वीर जारा, कल हो ना हो, रॉकस्टार और हाईवे जैसी कमाल की फिल्मों में योगदान दिया। उनका सबसे हालिया फिल्म भूमि पेडनेकर की थैंक यू फॉर कमिंग थी।







