- ठाणे में चलती ट्रेन से गिरकर चार यात्रियों की मौत, छह घायल
- एक्सप्रेस ट्रेन में हादसा, भीड़ के कारण यात्रियों का संतुलन बिगड़ा
- रेलवे सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर सवाल, उच्च स्तरीय जांच की मांग
Railway overcrowding fatality: महाराष्ट्र के ठाणे जिले में सोमवार सुबह एक हृदयविदारक रेल हादसे ने कई परिवारों को मातम में डुबो दिया। ठाणे के दीवा और कोपर रेलवे स्टेशनों के बीच उस समय अफरातफरी मच गई जब कसारा जा रही एक एक्सप्रेस ट्रेन से करीब 10 यात्री गिर पड़े। इस हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि छह अन्य घायल हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर बनी हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों और रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, हादसा उस समय हुआ जब भीड़ के कारण यात्री दरवाजों के पास खड़े थे और ट्रेन की रफ्तार अधिक थी। यात्रियों का संतुलन बिगड़ने के चलते वे एक के बाद एक ट्रेन से नीचे गिरते चले गए। हादसे की जानकारी उस वक्त सामने आई जब कसारा की ओर जा रही एक अन्य ट्रेन के गार्ड ने पटरियों के किनारे शव और घायलों को देखा और तुरंत कंट्रोल रूम को सूचित किया। इसके बाद आपातकालीन बचाव अभियान शुरू किया गया।
कलवा स्थित सरकारी अस्पताल में चार यात्रियों को मृत घोषित किया गया। मृतकों की उम्र 30 से 35 वर्ष के बीच है। हालांकि अब तक रेलवे ने यह स्पष्ट नहीं किया कि यात्री किस ट्रेन से गिरे थे। रेलवे प्रवक्ता स्वप्निल नीला ने कहा कि जांच जारी है और सटीक जानकारी जल्द साझा की जाएगी।
इधर, हादसे को लेकर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तीव्र हो गई हैं। शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने हादसे पर दुख जताया और उच्च स्तरीय जांच की मांग की। उन्होंने यह सवाल उठाया कि यह घटना लोकल ट्रेन में नहीं बल्कि एक्सप्रेस ट्रेन में कैसे हो गई — क्या यात्रियों में झगड़ा हुआ या धक्का-मुक्की की वजह से यह हादसा हुआ?
विधान परिषद में विपक्ष के नेता अम्बादास दानवे ने सोशल मीडिया पर लिखा, “पुष्पक एक्सप्रेस से इस तरह लोगों का गिरना रेलवे सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।” उन्होंने कहा कि ऐसे हादसे दर्शाते हैं कि रेलवे को अब भीड़ नियंत्रण और डिब्बों में अतिरिक्त गार्ड व्यवस्था जैसे उपाय तुरंत लागू करने होंगे।
रेल हादसे की खबर ने राज्यभर में यात्री सुरक्षा, रेल भीड़ प्रबंधन और ओवरक्राउडिंग के खिलाफ उठ रही पुरानी चिंताओं को फिर जीवित कर दिया है।