➤ गैंगवार और हत्याओं के मामलों ने बढ़ाया राजनीतिक दबाव
➤ कनाडा सरकार ने अब तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी
कनाडा में बैठकर भारत में किडनैपिंग, हत्याओं और रंगदारी की धमकियाे की घटनाओं को अंजाम देने वाले बिशनोई गैंग के बड़े गुर्गों का कनाड़ा से बाेरिया बिस्तर पैक हो सकता है । बढ़ते गैंगवार और हत्याओं के मामलों के बीच भारत के लॉरेंस बिश्नोई गैंग को आतंकवादी संगठन घोषित करने की मांग जोर पकड़ रही है। ब्रिटिश कोलंबिया और अल्बर्टा—दोनों प्रांतों के प्रधानमंत्रियों ने संघीय सरकार से औपचारिक अपील की है कि इस गैंग को आतंकवादी समूह घोषित किया जाए। उनका कहना है कि इससे पुलिस को अधिक कानूनी अधिकार और जांच के उपकरण मिलेंगे, जिससे इस अपराधी नेटवर्क पर अंकुश लगाया जा सकेगा।
यह मांग उस समय और तेज हो गई जब 14 मई 2025 को टोरंटो में 51 वर्षीय हरजीत सिंह ढड्डा की उनके ऑफिस पार्किंग में गोली मारकर हत्या कर दी गई। हमलावरों ने उन्हें कई गोलियां मारीं, जिसके बाद अस्पताल में उनकी मौत हो गई। कुछ ही घंटों बाद फेसबुक पोस्ट पर दो लोगों ने हत्या की जिम्मेदारी ली और खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया। लॉरेंस बिश्नोई फिलहाल गुजरात के साबरमती सेंट्रल जेल में बंद है।
अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, हरजीत सिंह की हत्या के लगभग एक महीने बाद ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक और भारतीय मूल के बिजनेसमैन की हत्या कर दी गई, और उसी महीने ब्रैम्पटन में तीसरी हत्या हुई। कनाडाई अधिकारियों का दावा है कि इन हत्याओं का सीधा संबंध भारत में सक्रिय आपराधिक नेटवर्क से है और इसके पीछे बिश्नोई गैंग का हाथ है। हालांकि, पुलिस अब तक गैंग के शूटरों को पकड़ने में नाकाम रही है।
ब्रिटिश कोलंबिया के प्रधानमंत्री डेविड एबी ने 17 जून को बयान दिया, “आतंकवादी घोषित किए जाने से पुलिस को इस गतिविधि की जांच करने और रोकने के लिए ज़रूरी उपकरण मिलेंगे।” जुलाई में अल्बर्टा की प्रधानमंत्री डैनियल स्मिथ ने भी ऐसी ही मांग दोहराई। इसके बावजूद, कनाडा की संघीय सरकार ने इस पर अब तक कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की है।