Nauksham Choudhary left her job

London की 1 करोड़ की नौकरी छोड़ Haryana चुनावी मैदान में उतरी Nauksham Choudhary, जानें कितने वर्ष रही Abroad

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Haryana में एक ऐसी महिला ने चर्चा का विषय बना दिया, जिनकी माता आईएएस अधिकारी और पिताजी जज हैं। उनका नाम नौक्षम चौधरी(Nauksham Choudhary) है। जिनके नाम ने 28 साल की उम्र में हरियाणा के चुनावी गलियारों में चर्चा उठाने के साथ-साथ भौचाल ला दिया था। बीजेपी ने उन्हें हरियाणा के पुन्‍हाना सीट से चुनाव लड़ने का मौका दिया था। नौक्षम ने पढ़ाई विदेश में की थी और उन्हें 10 भाषाओं का ज्ञान है। इतना ही नहीं नौक्षम(Nauksham Choudhary) ने चुनाव लड़ने के लिए London की अपनी 1 करोड़ की नौकरी को भी दांव पर लगा दिया। जिसमें 3 वर्ष उन्होंने Abroad में बिताए।

बता दें कि नौक्षम(Nauksham Choudhary) ने विदेश में अच्छी नौकरी के बजाय प्राथमिकता दी और चुनाव लड़ने का निर्णय लिया था। जिनका कहना था कि उन्हें अपने गांव में गरीबी और सुविधाओं की कमी को देखकर राजनीति में आने का मन हुआ। नौक्षम(Nauksham Choudhary) ने बताया कि उनके लिए खराब सड़कें, शिक्षा की कमी, और मूलभूत सुविधाओं को ठीक करना महत्वपूर्ण रही। उनका कहना है कि वह हमेशा से ही आरएसएस की विचारधारा से प्रभावित रही हैं, जो प्रतिबद्धता, संगठन और गंभीरता को महत्व देती है। इसी कारण से वो बीजेपी से जुड़ी थी।

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आरएसएस-बीजेपी के सदस्यों ने नूंह जिले की तीन सीटों में से एक सीट हिंदू समाज के व्यक्ति को देने की मांग की थी। नूंह, फिरोजपुर झिरका से आईएनएलडी छोड़कर आए निवर्तमान विधायक चौधरी जाकिर हुसैन और नसीम अहमद को इनाम मिला, लेकिन निर्दलीय विधायक बने रहीस खान को इसकी कीमत चुकानी पड़ी थी।

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खट्टर की यात्रा में जुटाई थी भीड़

करीब 10 भाषाओं को बोलने में सक्षम नौक्षम ने ट्रिपल एमए किया और उन्‍हें एक करोड़ रुपये की नौकरी का ऑफर मिला था। सुविधाओं से भरी नौकरी को प्राथमिकता देने की बजाय नौक्षम(Nauksham Choudhary) ने हरियाणा की सबसे पिछड़ी सीटों में शामिल पुन्‍हाना में चुनावी जंग लड़ने का फैसला किया। दरअसल करीब एक महीने पहले नौक्षम ने बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने की इच्‍छा जताई थी। इतना ही नहीं सीएम मनोहर लाल खट्टर की जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान उन्‍होंने काफी भीड़ जुटाई थी।

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मिरांडा हाउस कॉलेज में छात्रसंघ की रही नेता

उन्होंने 25 अगस्त को ही अपने गांव पैमाखेड़ा में बीजेपी की सदस्यता ली थी। दिल्‍ली के मिरांडा हाउस कॉलेज में छात्रसंघ नेता रहीं नौक्षम(Nauksham Choudhary) को राजनीति का चस्का वहीं से लगा था। मिरांडा हाउस के बाद वह तीन साल तक इटली और‍ ब्रिटेन में रहीं। नौक्षम पीएम मोदी लोकप्रियता से बेहद प्रभावित हैं। उनका कहना है कि वह मेवात की बेटी हैं और अब इसके विकास के लिए काम करेंगी।

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हरियाणा में चुनाव हारी पर राजस्थान में मंत्री को हराया

2019 में नौक्षम चौधरी हरियाणा में विधानसभा चुनाव हार गईं, लेकिन 2023 में भाजपा ने राजस्थान के कामां विधानसभा से प्रत्याशी बनाया। कामां में नौक्षम ने 78,646 मत प्राप्त कर 13,906 मतों से निर्दलीय प्रत्याशी मुख्तार अहमद को हराकर विजय प्राप्त की। इस सीट से कांग्रेस की ओर से गहलोत सरकार में मंत्री रहीं जाहिदा खान प्रत्याशी थी, लेकिन वो तीसरे नंबर रही थी। अब नौक्षम को मंत्री बनाए जाने की चर्चा है।

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