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हरियाणा में जमीनी रंजिश ने ली जान, युवक की चाकुओं से हत्या, जानिए कैसे रचाया गया खौफनाक क़त्ल

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Sonipat Murder Case,: हरियाणा के सोनीपत जिले के सिसाना गांव में पुश्तैनी जमीन को लेकर चल रहे विवाद ने एक युवक की जान ले ली। मृतक अशोक, जो गांव में भट्ठे के पास परचून की दुकान चलाता था, की 15 जून की रात चाकू से गोदकर हत्या कर दी गई। यह हमला उस वक्त हुआ जब वह दुकान से लौट रहा था। मृतक के भाई रिंकू ने छह आरोपियों को नामजद करते हुए पुलिस को शिकायत दी है। आरोप है कि इन लोगों ने पहले भी मारपीट की थी और जान से मारने की धमकियां दी थीं।

खरखौदा थाना पुलिस ने शिकायत के आधार पर केस दर्ज कर लिया है और एफएसएल टीम ने मौके से साक्ष्य एकत्र किए हैं। शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए खरखौदा नागरिक अस्पताल भेजा गया है। पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।

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हत्या से पहले की घटनाओं की कड़ी इस बात की ओर इशारा करती है कि यह कोई अचानक हुई वारदात नहीं थी, बल्कि पहले से सोची-समझी साजिश थी। 7 जून को आरोपियों अमित और बलजीत उर्फ सोनू ने अशोक की दुकान पर आकर उसके साथ मारपीट की थी। रिंकू के अनुसार, उन्होंने उसी दिन 112 नंबर पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।

अगले दिन यानी 8 जून को दोबारा झगड़ा हुआ, जिसके बाद अशोक ने मेडिकल बनवाकर थाना में लिखित शिकायत दी, जो 9 जून को दर्ज की गई। 11 जून को दोनों पक्षों को थाने में बुलाया गया, जहां आपसी समझौता तो हुआ, लेकिन बाहर निकलते ही आरोपियों ने अशोक और रिंकू को जान से मारने की धमकी दे डाली।

15 जून की रात, अशोक रोज़ की तरह दुकान के लिए निकला, लेकिन देर रात तक घर नहीं लौटा। जब परिजनों ने फोन किया तो उसका नंबर स्विच ऑफ मिला। शक होने पर मां राजबाला, पत्नी रीना और भाई रिंकू उसे ढूंढ़ने निकले। जब वे भट्ठे की ओर पहुंचे तो देखा कि अमित, बलजीत, इशु, निशु, दीपक उर्फ मोनू और 2-3 अन्य लोग अशोक पर चाकू से हमला कर रहे थे

परिजनों को आता देख आरोपी मोटरसाइकिल और ट्रैक्टर पर सवार होकर मौके से फरार हो गए। जब परिजन अशोक के पास पहुंचे तो वह दम तोड़ चुका था। रिंकू ने तत्काल पुलिस को सूचना दी और सभी आरोपियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की है।

यह मामला एक बार फिर इस ओर इशारा करता है कि जमीनी विवादों को लेकर ग्रामीण इलाकों में कानूनी लचरता और पुलिस की सुस्ती कितनी खतरनाक साबित हो सकती है। यदि पहले की शिकायतों पर समय रहते एक्शन लिया गया होता, तो शायद एक जान बचाई जा सकती थी।