Business Tycoon : भारत और एशिया के सबसे बड़े रईस मुकेश अंबानी हाल में दुनिया के अमीरों की लिस्ट में एक पायदान खिसक गया है। उनसे आगे निकलने वाले शख्स का नाम है माइकल डेल। अमेरिका के अरबपति डेल कंप्यूटर प्रॉडक्ट्स बनाने वाली कंपनी डेल टेक्टनोलॉजीजी के फांउडर और सीईओ है। इस कंपनी में उनकी आधी हिस्सेदारी है। ब्लूमबर्ग बिलिनेयर इंडेक्स के मुताबिक डेल की नेटवर्थ 113 अरब डॉलर है।
इस साल उनकी नेटवर्थ में 34.1 अरब डॉलर की तेजी आई है। वह दुनिया के अमीरों की लिस्ट में 11वें नंबर पर है जबकि भारत की सबसे मूल्यावान कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी उनसे एक स्थान नीचे 12वें नंबर पर है। अंबानी की नेटवर्थ 110 अरब डॉलर है।
डेल का सपना डॉक्टर बनने का था
1965 में ह्यूस्टन में जन्मे डेल का सपना डॉक्टर बनने का था। उन्होंने साल 1983 में ऑस्टिन में यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सस में एडमिशन लिया। लेकिन जल्दी ही इससे उनका मन ऊब गया। उन्होंने 1,000 डॉलर से अपना स्टार्टअप शुरु किया। डेल अपने हॉस्टल रुम में ही कंप्यूटर एसेंबल करने लगे। इस तरह उन्होंने अपग्रेडेड पर्सनल कंप्यूटर और कंपोनेंट्स बेचने का काम शुरु कर दिया।
अगले साल यानी 1984 में उन्होंने कंपनी का नाम डेल कंप्यूटर रखा और कॉलेज छोडं दिया। साल 1988 में वह आईपीएल लेकर आी और इस तरह नैसडैक पर जेल के शेयरों की खरीद फरोख्त शुरु हो गई। आठ साल बाद कंपनी में उनकी हिस्सेदारी की वैल्यू एक अरब डॉलर से ज्यादा पहुंच गई। 1998 में उन्होंने अपनी निवेश कंपनी एमएसडी कैपिटल बनाई।

ऐसे फैलाया बिजनेस
डेल ने साल 2004 में सीईओ पद छोड़ दिया था लेकिन तीन साल बाद फिर वह इस पद पर लौटे। असल में उनके पद छोड़ने के बाद कंपनी की बिक्री में काफी गिरावट आई। साथ ही अकांउटिंग का घोटाला भी सामने आया। इसके मद्देनजर बोर्ड ने डेल से फिर सीईओ बनने का अनुरोध किया। इसके बाद उन्होंने कंपनी के बिजनस को फैलाया।
पीसी और लैपटॉप के साथ-साथ कंपनी सर्वर, कंप्यूटर स्टोरेज और नेटवर्किंग प्रॉडक्ट्स भी बेचने लगी। 2013 में उन्होंने कंपनी को प्राइवेट कर दिया। अक्तूबर 2015 में उन्होंने ईएमसी कॉर्प को करीब 67 अरब डॉलर में खरीदा जो अब तक का सबसे बड़ा टेक एक्विजिशन था। 2018 के आखिर के डेल को फिर से न्यूयॉर्क एक्सचेंज में लिस्ट किया गया।