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Panipat में 73 लाख की ऑनलाइन ठगी मामले में बड़ा खुलासा, गिराह से दो आरोपी गिरफ्तार

CRIME पानीपत

Panipat में साइबर अपराध थाना पुलिस की टीम को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। दरअसल, आपको बता दें कि साइबर अपराध थाना पुलिस की टीम ने बंद पड़ी बीमा पॉलिसी के पैसे दिलवाने के नाम पर ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए गिरोह के दो आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है।

बता दें कि दोनों आरोपियों के कब्जे से 17 मोबाइल फोन, 32 सिम कार्ड, 18 वोटर कार्ड, 19 चेक बुक, 20 एटीएम कार्ड, 38 आधार कार्ड, 16 पेन कार्ड और 21 हजार रुपये कैश बरामद हुए हैं। जानकारी के अनुसार बता दें इस गिरोह ने पानीपत के विकास नगर के रहने वाले एक व्यक्ति से 67 लाख रुपये की ठगी की थी। जिसके बाद अब पुलिस ने दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया है ।

आरोपियों ने ऐसे बिछाया जाल

साइबर अपराध थाना पुलिस प्रभारी प्रवीण कुमार ने बताया कि उनकी टीम ने गिरोह के दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। विकास नगर, तहसील कैंप निवासी रसीद ने उनको शिकायत में बताया था कि उसने साल 2018 में मैक्स लाइफ इंश्योरेंस से बीमा करवाया था। साल 2022 में उसने बीमा बंद कर दिया था।

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पीड़ित का कहना है कि बीमा के करीब 14 लाख रुपये आने थे। जिसके चलते दिसंबर 2023 में उसके पास एक अज्ञात नंबर से कॉल आई। फोन पर कॉलर ने अपने आप को बीमा कंपनी का अधिकारी बताते हुए कहा कि आपको बीमा राशि रिफंड करवाने में जीएसटी चार्ज लगेगा। इससे बचने के लिए आपको नई पॉलिसी लेनी पड़ेगी।

व्हाट्सएप पर मैसेज कर फॉर्म भरने को कहा

यह कहते हुए कॉलर ने पीएनबी मैटालाइफ की पॉलिसी दे दी। जिसके दो दिन बाद कॉलर ने दोबारा फोन कर पॉलिसी पोर्टल पर शो नहीं होने की बात कहकर स्टार यूनियन डाई इची और भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस की पॉलिसी दे दी।

फिर 15 दिसंबर 2023 को पीड़ित रसीद के पास व्हाट्सएप पर एक मैसेज आया। युवक ने अपना नाम मोहन पाठक भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस का रिजनल मैनेजर बताते हुए अपना आई कार्ड भेजकर कहा कि आपका मैक्स पॉलिसी का जो पैसा आना था वह भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस में मर्ज हो गया है। कॉलर ने पॉलिसी का पैसा रिफंड करने की बात कहकर पीड़ित से खाता नंबर और फॉर्म भरने लिए कहा।

इस तरीके से 67 लाख रुपये ठगे

इसके बाद 16 दिसंबर को उसके पास मैसेज आया कि तीनों पॉलिसी का पैसा भारती एक्सा लाइफ इंश्योरेंस में मर्ज करके पैसे आपके खाते में जमा करवा दिया जाएगा। ऐसा कहकर आरोपियों ने पीड़ित से फाइल चार्ज के नाम पर अलग-अलग समय में 11 लाख रुपये ऑनलाइन खाते में ट्रांसफर करवा लिए। ऐसे करते-करते उससे ठगों ने 67 लाख रुपये अपने खाते में जमा करवा लिए। जब उसने बीमा कंपनियों में जाकर इसका पता किया तो उसको कंपनी ने बताया कि उसके साथ साइबर ठगी हुई है। फिर जाकर उसने केस दर्ज कराया था।

आगे इंस्पेक्टर ने बताया कि 13 जून को दिल्ली के लक्ष्मी नगर से आरोपी राहुल निवासी, पांडव नगर और सुरेश निवासी संजय कॉलोनी गोकुलपुर, नई दिल्ली को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो आरोपियों ने गिरोह में शामिल अपने अन्य साथी आरोपियों के साथ मिलकर ठगी की वारदात को अंजाम देने के बारे में स्वीकारा। जिसके बाद उनको तीन दिन के रिमांड पर लिया गया था।

रिमांड के दौरान यह हुआ खुलासा

रिमांड के दौरान पूछताछ में आरोपियों से खुलासा हुआ कि आरोपी राहुल अज्ञात जरूरतमंद लोगों को पांच से छह हजार रुपये देने का प्रलोभन देकर उनके फर्जी आधार कार्ड, पैन कार्ड व वोटर कार्ड तैयार करवा कर फर्जी दस्तावेज से सिम कार्ड निकलवाने के साथ ही बैंक में फर्जी खाता खुलवाकर साथी आरोपी सुरेश के माध्यम से खाते की पूरी किट गिरोह के अन्य साथी आरोपियों को 50 से 70 हजार रुपये में बेच देता था। गिरोह के अन्य सदस्य उक्त सिम कार्ड व खातों को ऑनलाइन ठगी करने में प्रयोग करते थे।

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