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मूसेवाला केस में हथियार सप्लायर शहबाज अंसारी फिर फरार, पत्नी की बीमारी का लिया सहारा

CRIME
  • सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में हथियार सप्लाई का आरोपी शहबाज अंसारी अंतरिम जमानत पर बाहर आने के बाद दोबारा फरार हो गया।
  • फरवरी 2023 से लेकर अब तक दो बार जमानत का दुरुपयोग कर चुका है; कोर्ट और एनआईए को गुमराह किया।
  • एनआईए और पुलिस अंसारी की तलाश में छापेमारी कर रही हैं, उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट की प्रक्रिया शुरू।

नई दिल्ली: सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में हथियार सप्लाई के आरोपी शहबाज अंसारी एक बार फिर सुरक्षा एजेंसियों को चकमा देकर फरार हो गया है। दिसंबर 2022 में उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से गिरफ्तार हुआ अंसारी, लॉरेंस बिश्नोई गिरोह के लिए हथियार और गोला-बारूद की सप्लाई करने के आरोप में एनआईए की हिरासत में था।

फरवरी 2023 में अदालत ने उसे पत्नी की गर्भावस्था का हवाला देने पर 5 दिन की अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन वह इसके बाद अदालत में पेश नहीं हुआ। इस बीच उसने कई बार नियमित जमानत के लिए याचिकाएं दायर कीं, जो एनआईए की आपत्तियों के चलते खारिज होती रहीं।

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हाल ही में उसने पत्नी की सर्जरी का हवाला देकर दोबारा अंतरिम जमानत ली और एक बार फिर बाहर निकलते ही फरार हो गया। एनआईए की रिपोर्ट के अनुसार, अंसारी का मोबाइल फोन बंद है और जो नंबर उसके संपर्क में था, वह असम निवासी किसी अन्य व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है।

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उसका गाजियाबाद का दिया पता भी झूठा निकला, और अदालत में पेश होने के सारे आदेशों की अवहेलना की गई। एनआईए के अनुसार, अंसारी के पास से गिरफ्तारी के वक्त कई हथियार बरामद हुए थे और वह लॉरेंस बिश्नोई गैंग के लिए लगातार हथियार डीलिंग करता रहा था। साथ ही हवाला नेटवर्क के ज़रिए लाखों रुपये की लेनदेन भी सामने आई थी।

8 जुलाई 2025 को एनआईए ने अदालत में अर्जी देकर उसकी जमानत रद्द करवा दी, लेकिन अंसारी फिर भी पेश नहीं हुआ। उसके वकील ने कोर्ट को बताया कि उन्हें भी अपने मुवक्किल की लोकेशन की जानकारी नहीं है। एनआईए और पुलिस मिलकर अब संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही हैं और उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी करने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड, जिसने देश को हिला दिया था, 29 मई 2022 को पंजाब के मानसा जिले में हुआ था। हमलावरों ने उनकी थार जीप पर गोलियों की बौछार की थी। इस हमले में 6 शूटर शामिल थे जो लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गिरोह से जुड़े थे। इस हत्या की साजिश कनाडा से रची गई थी जिसमें गोल्डी बराड़, लॉरेंस बिश्नोई का भाई अनमोल और भतीजा सचिन थापन भी शामिल थे।