Haryana विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस हाईकमान ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को एक और बड़ा झटका दिया है। नेता प्रतिपक्ष के नाम की घोषणा न करने के बाद अब दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की लिस्ट से भी इन दोनों नेताओं का नाम हटा दिया गया है।
हुड्डा गुट के नेताओं में केवल दीपेंद्र सिंह हुड्डा को जगह दी गई है, जो रोहतक से सांसद हैं। वहीं, विरोधी गुट की नेता कुमारी सैलजा और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला को स्टार प्रचारकों की लिस्ट में शामिल किया गया है।

हरियाणा हार से नाराज हाईकमान
कांग्रेस हाईकमान हरियाणा विधानसभा चुनाव में मिली हार से नाराज है, और इसका परिणाम भूपेंद्र सिंह हुड्डा और उदयभान के खिलाफ कार्रवाई के रूप में सामने आया है। केंद्रीय नेतृत्व ने हुड्डा गुट को फ्री हैंड देने से इनकार कर दिया है और अब प्रभारी दीपक बाबरिया को पावरफुल बना दिया गया है।
बाबरिया के नेतृत्व में बदलाव
दीपक बाबरिया ने अब अपनी रणनीति के तहत जिला स्तर पर नियुक्तियों पर रोक लगा दी है और सचिवों के कार्यक्षेत्र में भी बदलाव कर दिया है। इस बदलाव के बारे में प्रदेश के नेताओं से कोई चर्चा नहीं की गई, जो यह संदेश देता है कि केंद्रीय नेतृत्व अब पार्टी में किसी भी तरह की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगा।
कांग्रेस हाईकमान का यह कदम स्पष्ट रूप से यह जताता है कि दिल्ली में अब कोई भी नेता पार्टी लाइन से बाहर जाकर काम नहीं कर सकता। जो भी इस तरह के फैसले करेगा, उसके खिलाफ केंद्रीय नेतृत्व सख्त कार्रवाई करेगा।
केंद्रीय नेतृत्व ने दो बड़े झटके दिए, हुड्डा गुट को मिली खास चेतावनी
कांग्रेस हाईकमान ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में हार के बाद हुड्डा गुट को एक के बाद एक दो बड़े झटके दिए हैं, जिससे पार्टी में अंदरूनी असंतोष और नाराजगी का माहौल बन गया है।
1. जिला प्रभारियों की लिस्ट पर रोक
प्रदेश अध्यक्ष उदयभान ने 18 दिसंबर को जिला प्रभारियों की लिस्ट जारी की थी, जिसे पार्टी के प्रभारी दीपक बाबरिया ने अगले ही दिन यानी 19 दिसंबर को एक प्रेस नोट जारी कर रोक दिया। यह कदम विशेष रूप से भूपेंद्र सिंह हुड्डा गुट को बड़ा झटका था, क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष उदयभान को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के कहने पर नियुक्त किया गया था।
2. सचिवों के कार्यक्षेत्र में बदलाव
इसके बाद, प्रदेश में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के सचिवों के कार्यक्षेत्र में भी बदलाव किए गए। सचिव विनोदराव गुडाधे और जितेंद्र बघेल, जो पहले साउथ और नॉर्थ हरियाणा के कार्य देख रहे थे, अब अपने कार्यक्षेत्र में बदलाव से गुजरेंगे। गुडाधे को उत्तर हरियाणा के अंबाला, कुरुक्षेत्र, सिरसा, हिसार और करनाल की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि बघेल को दक्षिण हरियाणा के सोनीपत, रोहतक, भिवानी, गुरुग्राम और फरीदाबाद का कार्य सौंपा गया है। इन आदेशों को भी दीपक बाबरिया ने ही जारी किया है।
केंद्रीय नेतृत्व का सख्त कदम
इन बदलावों से साफ है कि केंद्रीय नेतृत्व अब हरियाणा में पार्टी को फिर से संगठित और अनुशासित करना चाहता है। हुड्डा गुट को यह संदेश दिया जा रहा है कि अब पार्टी में किसी भी नेता को अनौपचारिक तरीके से काम करने की अनुमति नहीं दी जाएगी और केंद्रीय नेतृत्व के आदेशों का पालन करना होगा।