Delhi पुलिस की स्पेशल सेल ने रविवार को खुलासा किया कि दिल्ली के तीन स्कूलों को बम की धमकी देने वाले आरोपी दो छात्र थे, जो भाई-बहन थे। इन छात्रों ने ई-मेल के जरिए धमकी भेजी थी, जिससे स्कूलों में हड़कंप मच गया।
पुलिस के अनुसार, इन छात्रों ने स्वीकार किया कि उन्होंने एग्जाम को टालने के लिए धमकी भेजी थी। छात्रों ने बताया कि उन्होंने पहले हुई घटनाओं से प्रेरित होकर बम की धमकी भेजने का विचार किया था। वे एग्जाम की तैयारी नहीं कर पा रहे थे और इस कारण एग्जाम को स्थगित करने का प्रयास कर रहे थे।
17 दिसंबर को रोहिणी और पश्चिम विहार स्थित तीन स्कूलों को धमकी भरे ई-मेल भेजे गए थे, जिनमें 72 घंटे के भीतर 85 लाख रुपए भेजने की मांग की गई थी। अगर ऐसा नहीं किया जाता, तो बम ब्लास्ट करने की धमकी दी गई थी।
पुलिस ने दोनों छात्रों को काउंसलिंग के बाद रिहा कर दिया, क्योंकि वे किशोर थे और इस मामले में उनकी मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए उन्हें छोड़ दिया गया।
दिल्ली में इस साल मई से लेकर अब तक 50 बम की धमकियां भेजी जा चुकी हैं, जिनमें स्कूलों के साथ-साथ अस्पताल, एयरपोर्ट और एयरलाइन कंपनियां भी शामिल हैं। इस महीने के दौरान 4 बार स्कूलों को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है।
स्कूलों में धमकी से जुड़े मामलों की समयसीमा:
- 17 दिसंबर: 3 स्कूलों को बम की धमकी भेजी गई।
- 9 दिसंबर: 44 स्कूलों को धमकी दी गई, जिसमें मदर मैरी स्कूल, ब्रिटिश स्कूल, सलवान पब्लिक स्कूल और कैम्ब्रिज स्कूल शामिल थे। मेल भेजने वाले ने धमकी के बदले 30,000 अमेरिकी डॉलर की मांग की थी।
- 13 दिसंबर: 30 स्कूलों को ई-मेल के जरिए धमकी दी गई थी। इसमें कहा गया था कि पेरेंट्स मीटिंग में विस्फोट होंगे। हालांकि जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला।
- 14 दिसंबर: 8 स्कूलों और संस्थानों को बम की धमकी दी गई थी, जिसमें सुसाइड बॉम्बर का उल्लेख भी किया गया था।
13 दिसंबर का विश्लेषण: 13 दिसंबर को सुबह विभिन्न समयों में पश्चिम विहार, श्री निवास पुरी, DPS अमर कॉलोनी, डिफेंस कॉलोनी, सफदरजंग और रोहिणी के स्कूलों में बम की धमकी के फोन आए थे। इन स्कूलों में जांच के बाद कोई भी संदिग्ध सामग्री नहीं मिली।
पुलिस की कार्रवाई:
पुलिस ने घटनाओं के बाद डॉग स्क्वॉड, सर्चिंग टीम, और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर भेजीं, लेकिन हर बार जांच में कुछ भी संदिग्ध नहीं पाया गया।