भारतीय किसान यूनियन के नेता Rakesh Tikait ने खनोरी बॉर्डर से बड़ा बयान देते हुए सरकार को सीधी चुनौती दी है। टिकैत ने इशारा किया कि किसान आंदोलन का दूसरा अध्याय जल्द शुरू हो सकता है।
टिकैत ने कहा कि किसान अपनी मांगों को लेकर फिर से दिल्ली का घेराव कर सकते हैं। उन्होंने साफ कहा कि इस बार दिल्ली पर दबाव बनाने के लिए चार लाख से ज्यादा ट्रैक्टर जुटाए जाएंगे। टिकैत ने कहा कि अगर दिल्ली की सरकार को गिराना है, तो यह अभियान कुंडली-मानेसर-पलवल (KMP) एक्सप्रेसवे से शुरू होगा। मौजूदा सरकार पर तीखा हमला करते हुए टिकैत ने कहा कि आज के राजा प्रजा पर दया करने वाले नहीं हैं।
आंदोलन में आएगी नई धार
खनौरी बॉर्डर पर पिछले 17 दिनों से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल आमरण अनशन पर हैं। उनकी बिगड़ती तबीयत के बावजूद सरकार की तरफ से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है। अब राकेश टिकैत का समर्थन मिलने से इस आंदोलन में नई ऊर्जा आने की उम्मीद है। टिकैत के साथ कई किसान संगठनों के प्रमुख नेता भी आंदोलन स्थल पर पहुंचेंगे, जिससे विरोध प्रदर्शन और तेज हो सकता है।
MSP की गारंटी पर सरकार से सीधा टकराव
किसान नेता अब भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग पर अड़े हुए हैं। राकेश टिकैत का मानना है कि सरकार को किसानों की मांगों को अनदेखा करना बंद करना होगा। उन्होंने कहा कि पहले भी दिल्ली की घेराबंदी ने सरकार को झुकने पर मजबूर किया था और यदि जरूरत पड़ी तो फिर से ऐसा किया जाएगा।
डल्लेवाल के आमरण अनशन पर संकट
आमरण अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल की हालत नाजुक है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि अनशन जारी रहा तो उनकी किडनी फेल हो सकती है। आंदोलनकारियों ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तब तक वे पीछे नहीं हटेंगे।
क्या सरकार झुकेगी?
राकेश टिकैत के इस नए कदम से सरकार पर दबाव बढ़ने की उम्मीद है। खनौरी बॉर्डर पर किसानों का यह आंदोलन अब एक नई दिशा में बढ़ रहा है। सवाल यह है कि क्या टिकैत और डल्लेवाल की एकता किसानों की लंबित मांगों को पूरा करवाने में कामयाब होगी, या यह आंदोलन सरकार और किसानों के बीच टकराव को और बढ़ा देगा?