Haryana के बीजेपी(BJP) के नेताओं से मिलकर काम करने की बजाय अभय सिंह यादव(Abhay Singh) का सीधा सामना है। वे अपने चुनावी क्षेत्र को ध्यान में लेकर चर्चा कर रहे हैं और बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं। इतना ही नहीं भाजपा हाईकमान की गाइडलाइन(Guideline) को लेकर सिंचाई मंत्री(Irrigation Minister) बेपरवाह नजर आ रहे हैं।
बता दें कि उनकी ताकतवर विरोधी पक्ष के उम्मीदवार के पक्ष में प्रचार में भाग लेने के बावजूद भी उनके विरोधी नेता उनकी जनसभाओं में शामिल नहीं हो रहे हैं। यह सामर्थ्य और योग्यता की जंग है, जो पार्टी के नेतृत्व को भी चिंतित कर रही है। अभय सिंह यादव के नांगल चौधरी सीट से दो बार विधानसभा चुनाव जीतने के बावजूद राव इंद्रजीत के कारण मंत्री नहीं बन पाए। इस बार भी उनकी चुनावी अभियान में कुछ बाधाएं आ गई हैं, लेकिन उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगों से जुड़े रहने का वादा किया है। वे अपने विधानसभा क्षेत्र में वापस आ रहे हैं और अपने समर्थकों के साथ मिलकर प्रचार करेंगे।
भिवानी-महेंद्रगढ़ संसदीय क्षेत्र में, जहां जाट और अहीर मतदाता सबसे अधिक हैं, उम्मीदवार चौधरी धर्मबीर के लिए अहीर वोट लेना बड़ी चुनौती होगी। इसी बीच अभय सिंह यादव की सीट भी अहीरों के लिए महत्वपूर्ण है। अभय सिंह यादव ने बताया कि उन्हें परिवार के एक शादी के लिए अलवर जाना पड़ रहा है, इसलिए वे अटेली की जनसभाओं में नहीं जा पा रहे हैं, लेकिन वे अपने विधानसभा क्षेत्र में वापस आ रहे हैं और प्रचार करेंगे।