Lok Sabha Result 2024 : आपको किसी राजनीतिक पार्टी का कोई उम्मीदवार पसंद न हो और आप उनमें से किसी को भी अपना वोट देना नहीं चाहते हैं तो फिर आप क्या करेंगे? निर्वाचन आयोग ने इसकी व्यवस्था की है। आप चाहे तो Nota का बटन दबा सकते हैं। नोटा का मतलब होता है ‘नन ऑफ द एबव’ यानी इनमें से कोई भी नहीं। अब चुनाव में आपके पास एक ऑप्शन होता है कि आप ‘इनमें से कोई नहीं’ का बटन दबा सकते हैं। यह ऑपशन है नोटा। इसे दबाने का मतलब यह है कि आपको चुनाव लड़ रहे कैंडिडेट में से कोई भी उम्मीदवार पसंद नहीं है। ऐसे में इस बार के हरियाणा के लोकसभा चुनाव में NOTA का बड़ा असर दिखा है।
दरअसल आपको बता दें कि हरियाणा में कई पार्टियों के तो इतने भी वोट नहीं आए जितने नोटा के वोट थे। वोट के आंकड़ो के हिसाब से आपको बता दें कि भाजपा और कांग्रेस के वोट हर लोकसभा सीट में नोटा से ज्यादा है। नोटा डेमोक्रेसी में एक आम नागरिक की असहमति दिखाता है। यह बताता है कि मतदाता मौजूदा विकल्पों से खुश नहीं है। यह किसी भी देश के पॉलिटिकल सिस्टम में जागरूकता बढ़ाता है। लोगों को सोचने पर मजबूर करता है कि शायद बेहतर विकल्पों की जरूरत है।
यह माना जाता है कि नोटा विकल्प से लोकतंत्र मजबूत होता है, यह लोगों को अपनी राय रखने का एक और तरीका देता है। ऐसे में अगर किसी प्रत्याशी के बजाए Nota को सबसे ज्यादा वोट मिलते हैं तो फिर भी जो उम्मीदवार या विकल्प दूसरा सबसे ज्यादा वोट पाएगा, वही जीतेगा। यह समझना बहुत जरूरी है कि नोटा बदलाव लाने की गारंटी नहीं है नोटा का इस्तेमाल करने से यह तय नहीं होता कि चीजें बदलेंगी। कुल मिलाकर भारतीय डेमोक्रेसी में नोटा एक महत्वपूर्ण टूल है जो मतदाता को असहमति दिखाने और बदलाव की मांग करने का मौका देता है।
हरियाणा में नोटा को मिले वोट
लोकसभा सीट | नोटा को मिले वोट |
सोनीपत | 2320 |
अंबाला | 6452 |
भिवानी | 5287 |
फरीदाबाद | 6821 |
गुरुग्राम | 6417 |
हिसार | 3366 |
करनाल | 3955 |
कुरुक्षेत्र | 2439 |
रोहतक | 2632 |
सिरसा | 4123 |