➤ हिसार में पब्लिक हेल्थ के एक्सईएन, SDO, JE सस्पेंड, जलभराव व भ्रष्टाचार पर गिरी गाज
➤ आदमपुर में विधानसभा कमेटी का दौरा, डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा ने तत्काल कार्रवाई की
➤ सीवरेज प्रोजेक्ट में 35 करोड़ की धांधली उजागर, 7 महीने पहले विजिलेंस ने भी पकड़ी थी अनियमितता
हरियाणा के हिसार जिले के आदमपुर में पब्लिक हेल्थ विभाग में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं को लेकर बड़ी कार्रवाई की गई है। शुक्रवार को हरियाणा विधानसभा की एक कमेटी ने आदमपुर का दौरा किया, जिसके बाद पब्लिक हेल्थ विभाग के एक्सईएन, SDO और JE को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया। यह कार्रवाई जलभराव की गंभीर समस्या और विकास कार्यों में लेट-लतीफी व धांधली की शिकायतों के बाद की गई है।

विधानसभा कमेटी, जिसकी अध्यक्षता चेयरमैन और डिप्टी स्पीकर डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा कर रहे थे, आदमपुर हलके में बिजली, पानी, सिंचाई और सड़कों से जुड़े कामों की जांच करने पहुंची थी। यहां पब्लिक हेल्थ विभाग के कामों में गंभीर कमियां और भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं। जांच के दौरान, डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा ने स्थिति देखकर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा, “ऊपर से नीचे तक सारा सौदा खराब कर रखा है।” इसके तुरंत बाद, उन्होंने मौके पर ही तीनों अधिकारियों को सस्पेंड करने के आदेश जारी कर दिए।
आदमपुर में जल निकासी न होना सबसे बड़ी समस्या है। हाल ही में हुई बारिश के बाद भाजपा नेता कुलदीप बिश्नोई के अनाज मंडी स्थित आवास के सामने भी भारी जलभराव हो गया था, जिसके चलते शिकायतें बढ़ गई थीं। अन्य सड़कों पर भी बारिश के बाद अक्सर पानी भरा रहता है, जिससे स्थानीय लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है।

इसी शिकायत के आधार पर, 12 विधायकों की कमेटी आदमपुर हलके का दौरा करने पहुंची थी। कमेटी में डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढा के अलावा विधायक मोहम्मद इलियास, लक्ष्मण यादव, नरेश सेलवाल, कपूर सिंह, सतीश कुमार, सतपाल जांबा, मोहम्मद इजराइल, मामन खान, बलवान सिंह दौलतपुरिया, बिमला चौधरी और मंजू चौधरी शामिल थीं।
यह पहली बार नहीं है जब आदमपुर में इस तरह की अनियमितताएं सामने आई हैं। 7 महीने पहले, 13 दिसंबर 2024 को, विजिलेंस ने भी आदमपुर विधानसभा में रेड कर 35 करोड़ रुपये के एक बड़े सीवरेज प्रोजेक्ट में धांधली पकड़ी थी। यह सीवरेज लाइन प्रोजेक्ट पिछले करीब डेढ़ साल से चल रहा है और इसे पूर्व विधायक भव्य बिश्नोई के कार्यकाल में शुरू किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य आदमपुर में सीवरेज लाइन बिछाकर जलनिकासी की समस्या का समाधान करना था, लेकिन आरोप है कि यह प्रोजेक्ट अफसरों के भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।

विजिलेंस की प्रारंभिक जांच में कई तरह की धांधली सामने आई थी। सबसे बड़ी खामी यह थी कि सीवरेज लाइन को बिछाने से पहले किसी तरह के बेस का इस्तेमाल नहीं किया गया था, जबकि नियमानुसार, पाइप लाइन डालने से पहले नीचे बेस बनाना जरूरी होता है। प्रोजेक्ट की डीपीआर (DPR) में बेस बनाने का जिक्र है और इसकी लागत भी डाली गई है। इसके अतिरिक्त, सीवरेज लाइन ढाई फुट की गहराई में ही बिछाई जा रही थी, जबकि नियमों के अनुसार 5 से 6 फुट की गहराई अनिवार्य है। इस जांच टीम में विजिलेंस हेड ऑफिस के एसई दीपक गोयल और हिसार विजिलेंस अफसर अजीत कुमार सहित अन्य सदस्य शामिल थे। इन लगातार मिल रही शिकायतों और जांचों के बाद हुए निलंबन से विभाग में हड़कंप मच गया है।