हरियाणा के 8 नगर निगमों और 32 नगर पालिकाओं के चुनाव मार्च में होने की संभावना है, लेकिन चुनावों से पहले मतदाता सूची और परिसीमन की प्रक्रियाओं ने स्थिति को सस्पेंस से भर दिया है। प्रदेश सरकार और चुनाव आयोग के बीच की लंबी खींचतान और प्रक्रियात्मक मुद्दों ने चुनावी तिथियों को लेकर अनिश्चितता को जन्म दिया है।
कब होगा चुनाव का शेड्यूल?
एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मार्च में इन चुनावों का शेड्यूल घोषित किया जा सकता है, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव के परिणाम के बाद ही स्थिति स्पष्ट होगी। अधिकारी ने यह भी कहा कि 8 फरवरी के बाद ही शेड्यूल जारी किया जाएगा, क्योंकि उस समय तक दिल्ली चुनाव परिणामों का असर प्रदेश चुनावों पर पड़ सकता है।
क्या प्रभावित होगी चुनावी प्रक्रिया?
पहले, चुनावों को दो चरणों में आयोजित करने की योजना थी, लेकिन अब एक ही चरण में चुनाव कराने का विचार किया जा रहा है। खासतौर पर पानीपत और कालांवाली जैसे नगर निकायों के चुनावों पर अब तक कोई स्पष्टता नहीं है।
भाजपा और कांग्रेस के बीच जबरदस्त टक्कर
भाजपा ने पहले ही घोषणा कर दी है कि वह सभी नगर पालिकाओं के चुनाव अपने पार्टी चिन्ह पर लड़ेगी, वहीं कांग्रेस भी अपनी पारंपरिक शैली को अपनाकर पार्टी चिन्ह पर चुनाव लड़ने की संभावना पर विचार कर रही है। अन्य पार्टियां भी इसी रणनीति पर जोर दे रही हैं।