➤ बीजेपी ने अध्यक्ष चुनाव एक बार फिर टाला
➤ उपराष्ट्रपति चुनाव तक जेपी नड्डा बने रहेंगे अध्यक्ष
➤ धनखड़ फैक्टर ने और उलझाया मामला
भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर अपने नए राष्ट्रीय अध्यक्ष की घोषणा टाल दी है, और यह फैसला अब सितंबर में होने वाले उपराष्ट्रपति चुनाव के बाद लिया जाएगा। जानकारी के मुताबिक जेपी नड्डा का कार्यकाल 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद समाप्त हो चुका है, लेकिन पार्टी लगातार इसे बढ़ाती जा रही है। अब इसे पार्टी की संगठनात्मक स्थिरता और सियासी जरूरतों से जोड़कर देखा जा रहा है। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने साफ किया है कि अभी संसद के सत्रों, बिहार और बंगाल विधानसभा चुनाव की तैयारियों को देखते हुए नेतृत्व परिवर्तन से बचा जा रहा है।
सूत्र बताते हैं कि राज्यसभा के सभापति के रूप में उपराष्ट्रपति की भूमिका, और मौजूदा उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की सक्रियता ने भी स्थिति को जटिल बना दिया है। पार्टी फिलहाल ‘दोहरी नेतृत्व संरचना’ से परहेज करना चाहती है, जिससे संगठन और संसदीय दोनों स्तरों पर संतुलन बना रहे।
सूत्रों के अनुसार, बीजेपी नए अध्यक्ष के लिए अनुभवी नेताओं के नामों पर विचार कर रही है, जिनमें आरएसएस से निकटता, चुनावी कुशलता और संगठन चलाने का अनुभव प्राथमिकता में हैं। साथ ही यह भी देखा जा रहा है कि नया अध्यक्ष मोदी-शाह की 2029 तक की रणनीति के अनुरूप हो।
इस निर्णय से पार्टी को गुटबाजी की अटकलों से भी बचाव मिला है। पार्टी अब ऐसा चेहरा तलाश रही है जो जातीय, क्षेत्रीय और पीढ़ीगत संतुलन को साध सके। वहीं, कुछ नेताओं का मानना है कि बिहार चुनाव से पहले यह फैसला हो सकता है। सूत्रों ने यह भी संकेत दिए हैं कि अध्यक्ष बदलने के बाद केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी फेरबदल संभव है।

