Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of Copy of हिमाचल में फोरलेन के खिलाफ गरजे लोग NHAI को घेरा 4

अहीरवाल में घमासान, भाजपा में सब ठीक नहीं!

हरियाणा की बड़ी खबर

अहीरवाल में भाजपा की अंदरूनी जंग सतह पर आई
पूर्व मंत्री डॉ. अभय सिंह यादव ने राव इंद्रजीत को बताया ‘छोटे दिल वाला’
मेडिकल कॉलेज के नामकरण को लेकर गहराया विवाद, राव तुलाराम बनाम महर्षि च्यवन


हरियाणा भाजपा की अंदरूनी सियासत में अहीरवाल क्षेत्र एक बार फिर सुर्खियों में है, जहां दो कद्दावर नेताओं की खुली टक्कर ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है। पूर्व IAS और नायब सैनी की पहली सरकार में मंत्री रहे डॉ. अभय सिंह यादव ने अपनी ही पार्टी के केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने लगातार दो सोशल मीडिया पोस्ट कर राव को ‘छोटे दिल वाला’ बताया और उन्हें अहीर समाज का ‘सुविधा अनुसार ठेकेदार’ कह दिया।

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डॉ. अभय सिंह ने अपने पोस्ट में लिखा, “राजनीतिक चश्मा हटाकर सोचें तो महानायक राव तुलाराम का सम्मान हरियाणा और देश के हर नागरिक का कर्तव्य है। लेकिन कुछ लोग सुविधानुसार उन्हें राजनीतिक कवच की तरह पहनते हैं।” उन्होंने बिना नाम लिए राव इंद्रजीत पर इशारा करते हुए लिखा कि जो लोग खुद को राव तुलाराम का वंशज कहते हैं, वे समाज के बीच दीवार खड़ी कर रहे हैं।

दरअसल, यह सारा विवाद नारनौल के कोरियावास गांव में 725 करोड़ की लागत से बने 800 बेड के मेडिकल कॉलेज के नामकरण को लेकर है। सरकार ने इसका नाम महर्षि च्यवन चिकित्सा महाविद्यालय रखा है। वहीं, राव इंद्रजीत समर्थकों की मांग है कि इस कॉलेज का नाम ‘शहीद राव तुलाराम मेडिकल कॉलेज’ रखा जाए। इस मुद्दे पर बीते तीन महीने से राजनीतिक संग्राम चल रहा है।

राव इंद्रजीत, जो खुद शहीद राव तुलाराम के परपोते हैं, परोक्ष रूप से चाहते हैं कि इस कॉलेज को उनके पूर्वज के नाम से जोड़ा जाए, जबकि सरकार की ओर से इस मांग को अब तक दरकिनार किया गया है। अब जब भाजपा के ही कद्दावर यादव नेता ने राव इंद्रजीत पर सीधा हमला बोला है, यह पहली बार है कि अहीर समाज के भीतर से राव के खिलाफ खुलकर आवाज उठी है।

यह पूरा घटनाक्रम आगामी चुनावों के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि अहीरवाल क्षेत्र में गुरुग्राम, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नारनौल जैसे जिलों में भाजपा की पकड़ राव इंद्रजीत के प्रभाव पर टिकी रही है। डॉ. अभय यादव की बगावती ललकार से न सिर्फ भाजपा की अंदरूनी खेमेबाजी उजागर हुई है, बल्कि अहीरवाल में शक्ति संतुलन की नई लड़ाई भी सामने आ रही है।