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सीडीएलयू सिरसा को मिला नया कुलपति, डॉ. विजय कुमार की नियुक्ति

हरियाणा की बड़ी खबर
  • CDLU सिरसा में डॉ. विजय कुमार को नया कुलपति नियुक्त किया गया, पूर्व वीसी प्रो. नरसीराम बिश्नोई हटाए गए।
  • जेजेपी नेता दिग्विजय चौटाला ने भर्तियों में अनियमितताओं और रिश्तेदारों की नियुक्तियों का आरोप लगाया था।
  • IGU रेवाड़ी से प्रो. विजय कुमार को CDLU और CDLU से प्रो. असीम मिगलानी को IGU भेजा गया।


CDLU new Vice-Chancellor: हरियाणा के सिरसा जिले स्थित चौधरी देवी लाल विश्वविद्यालय (CDLU) में लंबे समय से स्थायी कुलपति की अनुपस्थिति के बाद अब डॉ. विजय कुमार को विश्वविद्यालय का नया कुलपति नियुक्त किया गया है। इससे पहले गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय, हिसार के वीसी प्रो. नरसीराम बिश्नोई के पास CDLU का अतिरिक्त कार्यभार था। सोमवार को सरकार की ओर से नए कुलपति की नियुक्ति के आदेश जारी कर दिए गए हैं।

डॉ. विजय कुमार इससे पहले इंदिरा गांधी यूनिवर्सिटी (IGU), मीरपुर रेवाड़ी के फिजिक्स विभाग में डीन के पद पर कार्यरत थे। वे 23 वर्षों से शिक्षण के क्षेत्र में सक्रिय हैं। वहीं CDLU के मैथमेटिक्स विभाग के प्रोफेसर डॉ. असीम मिगलानी को IGU का नया कुलपति बनाया गया है। इस तरह दोनों विश्वविद्यालयों में वीसी का आपसी बदलाव किया गया है।

इस नियुक्ति से पहले जेजेपी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय चौटाला ने सीडीएलयू में हो रही कथित अनियमितताओं को लेकर कड़ा रुख अपनाया था। उन्होंने विश्वविद्यालय में भर्तियों में पारदर्शिता के अभाव, वीसी द्वारा परिवारजनों की नियुक्ति और सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइनों के उल्लंघन का आरोप लगाया था। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर राज्यपाल और सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, तो वह आंदोलन करने को मजबूर होंगे।

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दिग्विजय ने कहा था कि विश्वविद्यालय, जो कभी चौधरी देवीलाल की सोच का प्रतीक था, अब अनियमितताओं और परिवारवाद का केंद्र बन गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि वीसी ने दो महिलाओं को गैरकानूनी ढंग से क्लर्क पद पर नियुक्त कर दिया, जबकि वे कौशल निगम के तहत वार्डन थीं। साथ ही, सिक्योरिटी कर्मचारियों को हटाकर अपने रिश्तेदारों की नियुक्ति की गई।

इस पूरे विवाद के बाद रविवार को दिग्विजय ने फिर चेतावनी दी कि अगर सरकार और राज्यपाल उचित कार्रवाई नहीं करते, तो वे कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे और जांच की मांग करेंगे। उनकी मांग पर सरकार ने हरकत में आते हुए CDLU में स्थायी वीसी की नियुक्ति कर दी है, जिससे अब विश्वविद्यालय में स्थायित्व और पारदर्शिता की उम्मीद की जा रही है।