- गुरुग्राम मेयर राजरानी मल्होत्रा के पति तिलकराज मल्होत्रा बनाए गए मानद सलाहकार
- नगर निगम ने नियुक्ति का आदेश जारी किया, कोई वेतन या लाभ नहीं मिलेगा
- विपक्ष ने महिला आरक्षण की भावना के खिलाफ बताया, सियासी घमासान तेज
Gurugram Mayor advisor: हरियाणा के गुरुग्राम में हाल ही में निर्वाचित मेयर राजरानी मल्होत्रा द्वारा अपने पति तिलकराज मल्होत्रा को निजी सलाहकार नियुक्त करने पर सियासी बहस छिड़ गई है। नगर निगम आयुक्त अशोक गर्ग द्वारा जारी किए गए पत्र के मुताबिक तिलकराज मल्होत्रा, जो पूर्व भाजपा जिला अध्यक्ष रह चुके हैं और विधानसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं, अब मेयर के विभिन्न कार्यों में सहयोग करेंगे। यह पद पूर्णत: मानद होगा और उन्हें नगर निगम से कोई वित्तीय लाभ नहीं मिलेगा।
गौरतलब है कि गुरुग्राम में पहली बार किसी मेयर के पति को औपचारिक रूप से सलाहकार बनाया गया है। इससे पहले व्यक्तिगत सहायक या अन्य स्टाफ की नियुक्ति होती रही है, लेकिन इस तरह की नियुक्ति को लेकर यह पहला मामला है। नियुक्ति के बाद तिलकराज मल्होत्रा ने कहा कि वह किसी वेतन या लाभ के इच्छुक नहीं हैं और केवल शहर के विकास के लिए मेयर का मार्गदर्शन करेंगे।

हालांकि, इस कदम को लेकर विपक्ष ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस नेता पर्ल चौधरी ने इसे महिला आरक्षण के उद्देश्य और संविधान की आत्मा के खिलाफ बताते हुए कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि जब महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने की बात होती है, तो ऐसे में उनके पतियों को फैसले लेने या सलाह देने का अधिकार देना महिला आरक्षण की भावना का उल्लंघन है।
कुछ पार्षदों ने भी नगर निगम कमिश्नर की इस कार्यवाही को म्युनिसिपल एक्ट के खिलाफ बताया और कहा कि ब्लड रिलेशन को इस तरह की भूमिका देना कानूनन सही नहीं है। अगर हर महिला पार्षद के पति को इसी तरह सलाहकार बना दिया जाए, तो फिर महिला सशक्तिकरण का अर्थ ही समाप्त हो जाएगा।