BBMB पर भड़के CM सुक्खू: बोले- जब तक हिमाचल को 4000 करोड़ का एरियर नहीं, तब तक किशाऊ बांध की बात नहीं
➤ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के 14 साल बाद भी BBMB ने हिमाचल को नहीं दिया एरियर
➤ CM सुक्खू ने कहा- किशाऊ डैम प्रोजेक्ट पर तब तक बात नहीं होगी जब तक हक़ नहीं मिलता
➤ हिमाचल को चाहिए BBMB के प्रोजेक्ट से 12% फ्री पावर, बाकी कंपनियां दे रहीं
हिमाचल प्रदेश सरकार और भाखड़ा-ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) के बीच लंबे समय से चल रहा 4000 करोड़ रुपये के एरियर का मामला एक बार फिर गरमा गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बुधवार को शिमला में स्पष्ट कहा कि BBMB सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद राज्य का बकाया नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि हिमाचल को 2011 से अपने ही हक़ के पैसे के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट ने 27 सितंबर 2011 को आदेश दिया था कि BBMB के प्रोजेक्ट्स में हिमाचल की 7.19% हिस्सेदारी मानी जाए, और उसी अनुपात में पुराने एरियर की राशि लौटाई जाए, जो करीब 4000 करोड़ रुपए बनती है। लेकिन अब तक हिमाचल को यह राशि नहीं दी गई। मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई है, और उन्होंने पंजाब और हरियाणा से एफिडेविट के रूप में भुगतान की प्रतिबद्धता दर्ज करवाने की मांग की है।
किशाऊ बांध पर साफ चेतावनी
CM सुक्खू ने दो टूक कहा कि जब तक हिमाचल को उसका हक़ नहीं मिलेगा, किशाऊ बांध परियोजना पर सरकार कोई चर्चा या कार्य आगे नहीं बढ़ाएगी। उन्होंने कहा कि किशाऊ प्रोजेक्ट से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और यूपी को पानी जाना है, लेकिन हिमाचल को अपने हिस्से का अधिकार नहीं मिल रहा। उन्होंने केंद्र सरकार को भी यह स्थिति स्पष्ट कर दी है।
12% फ्री पावर की मांग
सीएम ने बताया कि NHPC, NTPC और SJVNL जैसी केंद्रीय कंपनियां हिमाचल को 12 फीसदी फ्री-पावर दे रही हैं, लेकिन BBMB इसके लिए तैयार नहीं है। जबकि BBMB के पावर प्रोजेक्ट्स हिमाचल की भूमि पर बने हैं। उन्होंने कहा कि बिलासपुर जिला भाखड़ा डैम के कारण उजड़ गया, लेकिन स्थानीय लोगों को अब तक उनका हक़ नहीं मिला।
BBMB के ये तीन प्रोजेक्ट हैं विवाद का केंद्र:
- भाखड़ा डैम पावर प्रोजेक्ट
- डैहर पावर प्रोजेक्ट
- पौंग डैम पावर प्रोजेक्ट