रिश्वत या रसगुल्ला6

“रास्ते से हट जाओ वरना…” INLD प्रमुख अभय चौटाला को जान से मारने की धमकी

हरियाणा की बड़ी खबर

➤ अभय चौटाला को फिर मिली जान से मारने की धमकी, बेटे के फोन पर भेजा वॉइस मैसेज
➤ धमकी में कहा- “रास्ते में मत आओ, वरना प्रधान के पास भेज देंगे”
➤ परिवार पहले भी धमकी झेल चुका, बेटे ने दी पुलिस में शिकायत

चंडीगढ़ – हरियाणा की राजनीति एक बार फिर धमकी और खौफ के साए में आ गई है, जब इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) अध्यक्ष अभय सिंह चौटाला को फिर से जान से मारने की धमकी दी गई। धमकी सीधे तौर पर अभय के छोटे बेटे कर्ण चौटाला के मोबाइल पर वॉइस नोट के ज़रिए दी गई, जिसमें अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए कहा गया कि “वो मेरे रास्ते में न आएं, वरना उनको भी प्रधान के पास भेज देंगे।

घटना को लेकर कर्ण चौटाला ने तुरंत चंडीगढ़ के सेक्टर-3 थाने में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने तकनीकी जांच शुरू कर दी है।

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कॉल और वॉइस नोट से फैला हड़कंप

कर्ण चौटाला ने पुलिस को दिए शिकायत पत्र में बताया कि उन्हें रात करीब 11 बजे एक अंजान नंबर 9034474747 से व्हाट्सऐप कॉल आया। कॉल रिसीव करने से पहले ही कट गया।
इसके कुछ देर बाद UK के एक नंबर +44 7466 061671 से वॉइस मैसेज आया, जिसमें न सिर्फ कर्ण का नाम लेकर बात की गई, बल्कि उनके पिता अभय सिंह चौटाला के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल करते हुए धमकी दी गई कि –

“पिता को समझा ले, वो मेरे रास्ते में न आएं, नहीं तो उनको भी प्रधान के पास भेज देंगे।”

इसी नंबर से उनके पिता के प्राइवेट सेक्रेटरी रमेश गोदारा को भी वॉइस मैसेज और कॉल भेजी गई, जिसमें लिखा गया कि –

“ये आखिरी चेतावनी है।”

कर्ण सिंह ने अपनी शिकायत में यह भी बताया कि 18 जुलाई 2023 को भी जींद में हरियाणा परिवर्तन पद यात्रा के दौरान अभय चौटाला को जान से मारने की धमकी दी गई थी। उस मामले में एफआईआर नंबर 10321 जींद थाने में दर्ज है। इसी घटना के बाद अभय सिंह चौटाला को Y+ कैटेगरी की सुरक्षा दी गई थी।

कर्ण सिंह चौटाला ने यह भी कहा कि उनकी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नफे सिंह राठी की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी, और आज तक उनके हत्यारे पुलिस की गिरफ्त से बाहर हैं। इससे परिवार में भय और आक्रोश दोनों व्याप्त है।

उन्होंने मांग की कि धमकी देने वालों की जल्द से जल्द पहचान कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए, क्योंकि यह केवल एक व्यक्ति विशेष नहीं, बल्कि हरियाणा की लोकतांत्रिक राजनीति को डराने की कोशिश है।