Copy of Copy of Copy of Copy of ct 25

हरियाणा के शहीद मेजर आशीष को मरणोपरांत शौर्य चक्र, मां को गले लगाकर राष्ट्रपति ने दी सांत्वना

हरियाणा की बड़ी खबर

  • अनंतनाग मुठभेड़ में शहीद मेजर आशीष धौंचक को मरणोपरांत मिला शौर्य चक्र, दिल्ली में राष्ट्रपति ने परिजनों को किया सम्मानित
  • मां कमला भावुक होकर रो पड़ीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गले लगाकर दी सांत्वना, पत्नी ज्योति भी भावुक नजर आईं
  • मेजर आशीष ने घायल होने के बावजूद 10 घंटे तक आतंकियों से लोहा लिया, देश के प्रति समर्पण और शहादत की मिसाल बने

नई दिल्ली/पानीपत: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में 13 सितंबर 2023 को हुए आतंकी हमले में शहीद हुए हरियाणा के मेजर आशीष धौंचक को देश के तीसरे सबसे बड़े वीरता सम्मान ‘शौर्य चक्र’ से मरणोपरांत सम्मानित किया गया। वीरता और कर्तव्यपरायणता की मिसाल बने मेजर आशीष के इस सम्मान को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को आयोजित समारोह में उनकी मां कमला और पत्नी ज्योति को सौंपा।

whatsapp image 2025 05 22 at 212156 1 1747929413

इस दौरान माहौल अत्यंत भावुक हो गया जब मां कमला शहीद बेटे की याद में रो पड़ीं। राष्ट्रपति खुद मंच से नीचे आईं और उन्हें गले लगाकर सांत्वना दी। वहीं पत्नी ज्योति भी भावुक नजर आईं, जिनकी 4 वर्षीय बेटी वामिका आज भी पिता को याद करती है।

image 1

मेजर आशीष धौंचक (36), पानीपत की TDI सिटी के निवासी थे और भारतीय सेना की 19 राष्ट्रीय राइफल्स की सिख लाइट इन्फैंट्री में तैनात थे। उन्होंने घने जंगलों में आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान घायल होने के बावजूद 10 घंटे तक लड़ाई लड़ी और अंततः शहीद हो गए। उनके एक दोस्त विकास के अनुसार, आशीष ने कहा था, “आतंकियों को मारकर ही जाऊंगा।”

Whatsapp Channel Join

whatsapp image 2025 05 22 at 223817 2 1747959365

रक्तस्राव से हालत बिगड़ने के बावजूद उन्होंने मोर्चा नहीं छोड़ा। शौर्य चक्र से पहले उन्हें 15 अगस्त 2023 को सेना मेडल भी मिला था।

शहीद के जीजा सुरेश दूहन ने बताया कि आखिरी बातचीत में आशीष बेहद प्रसन्न थे और कह रहे थे कि “4-5 दुश्मन निपटा दिए, अब बाकी को भी निपटाकर लौटूंगा।” उनका सपना था कि 23 अक्टूबर 2023 को नए घर में गृह प्रवेश करें, लेकिन वह उससे पहले ही वीरगति को प्राप्त हो गए।

whatsapp image 2025 05 22 at 214152 1747931648

उनका सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार पैतृक गांव बिंझौल में किया गया। जहां 10 हजार से अधिक लोग अंतिम यात्रा में शामिल हुए। मां कमला पूरे रास्ते हाथ जोड़े चलीं, और बहनें भाई को सलामी देती रहीं।

मेजर आशीष तीन बहनों के इकलौते भाई थे। उनके पिता लालचंद NFL से सेवानिवृत्त हैं, जबकि उनकी पत्नी ज्योति गृहिणी हैं। उनका चचेरा भाई विकास भी सेना में मेजर है।

whatsapp image 2025 05 22 at 214151 1747931869

आशीष की शिक्षा केंद्रीय विद्यालय और बरवाला कॉलेज से हुई। वे B.Tech के बाद M.Tech कर रहे थे, लेकिन देश सेवा की भावना ने उन्हें 2012 में सेना में लेफ्टिनेंट बना दिया। 2018 में वे मेजर के पद पर पदोन्नत हुए।

उनकी शादी 2015 में जींद की ज्योति से हुई थी और 2023 में अपने साले की शादी में 10 दिन की छुट्टी लेकर आए थे।