क्रिकेट के बाउंड्री कैच नियम में बड़ा बदलाव अब नहीं चलेगी उछाल की चालाकी 1

क्रिकेट के बाउंड्री कैच नियम में बड़ा बदलाव | अब नहीं चलेगी ‘उछाल की चालाकी’

हरियाणा की बड़ी खबर

➤ अब फील्डर बाउंड्री पार जाकर नहीं उछाल सकेगा बॉल दोबारा
➤ केवल एक बार हवा में बॉल को टच करने की इजाजत
➤ नियम अक्टूबर 2026 से आधिकारिक, ICC जून 2025 से लागू करेगा


क्रिकेट की दुनिया में एक ऐतिहासिक बदलाव होने जा रहा है। मेरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने बाउंड्री लाइन के पास पकड़े जाने वाले कैचों को लेकर नियमों में बड़ा संशोधन किया है। अब ऐसा कोई कैच मान्य नहीं होगा जिसमें फील्डर बाउंड्री के बाहर जाकर गेंद को हवा में उछालता है और फिर अंदर आकर कैच पकड़ता है। यह नियम अक्टूबर 2026 से आधिकारिक रूप से MCC द्वारा अपनाया जाएगा, लेकिन ICC इस नियम को 17 जून 2025 से ही लागू कर देगा, जब श्रीलंका और बांग्लादेश के बीच टेस्ट मैच शुरू होगा।

क्या था पुराना नियम?

क्रिकेट में यह देखा जाता रहा है कि बाउंड्री पर खड़ा फील्डर अगर कैच लेने की कोशिश में खुद बाउंड्री पार कर रहा हो, तो वह गेंद को हवा में एक या दो बार उछालकर बाउंड्री के अंदर आकर कैच कर लेता था। यह कैच तब तक वैध माना जाता था जब तक पहला संपर्क बॉल से मैदान के भीतर होता और फील्डर बाउंड्री के बाहर गिरने से पहले बॉल को हवा में उछाल देता

अब क्या हुआ है बदलाव?

MCC के नए नियमों के मुताबिक, अब इस तरह के कैच को अमान्य घोषित किया जाएगा। नियम दो मुख्य हिस्सों में बंटा है:


1. हवा में एक बार ही टच की अनुमति:

अगर फील्डर बाउंड्री के अंदर रहते हुए गेंद को हवा में उछालता है और फिर बाउंड्री पार कर जाता है, तो अब वह वापस आकर दोबारा गेंद को नहीं पकड़ सकता। यानी बॉल को एक बार से ज्यादा हवा में टच करना अब नियम विरुद्ध माना जाएगा

🔸 मतलब: बॉल को हवा में दो या तीन बार टप्पा देकर कैच पकड़ना अब मान्य नहीं होगा, भले ही हर बार खिलाड़ी हवा में हो।


2. बाहर जाकर बॉल फेंकना और कैच कराना:

अगर कोई खिलाड़ी बाउंड्री के बाहर हवा में जाकर बॉल को अंदर फेंकता है और कोई दूसरा खिलाड़ी कैच लेता है, तो वह कैच तब ही वैध माना जाएगा जब पहला खिलाड़ी खुद भी बाउंड्री के अंदर हो

🔸 अगर बॉल फेंकने वाला खिलाड़ी बाउंड्री के बाहर है या उसका पैर जमीन से टच कर रहा है, तो कैच मान्य नहीं होगा।


क्यों लाया गया यह नियम?

यह नियम खेल की नैतिकता और स्पोर्ट्समैनशिप को ध्यान में रखते हुए लाया गया है। पिछले कुछ सालों में फील्डरों द्वारा जटिल लेकिन नियमों के भीतर की जाने वाली चालाकी की घटनाएं बढ़ गई थीं। इससे खेल की पारदर्शिता और बल्लेबाजों के साथ न्याय को लेकर सवाल उठते थे।


कुछ चर्चित मामले जिनसे प्रेरणा ली गई:

  • न्यूजीलैंड के ट्रेंट बोल्ट द्वारा किया गया ऐसा कैच, जहां उन्होंने बाउंड्री के बाहर हवा में गेंद को टप्पा देकर अंदर आकर पकड़ा।
  • वेस्टइंडीज के कीरोन पोलार्ड ने IPL में ऐसा कैच लेकर सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियां बटोरी थी।
    इन सबने MCC को नियमों की समीक्षा करने के लिए प्रेरित किया।

इससे क्या असर पड़ेगा?

फील्डिंग पर दबाव बढ़ेगा:

अब कैच पकड़ने का दायरा सीमित होगा। एथलेटिक फील्डर, जो बाउंड्री पार जाकर कैच लपकते थे, उन्हें अपनी रणनीति बदलनी पड़ेगी।

बल्लेबाजों को लाभ:

बल्लेबाजों को “मॉर्गन-शैली के बड़े शॉट्स” खेलने में और अधिक आत्मविश्वास मिलेगा, क्योंकि अब उनके आउट होने के चांस कम होंगे।

कैचिंग का कौशल बढ़ेगा:

इससे असली रिफ्लेक्स और मूवमेंट की फील्डिंग की अहमियत बढ़ेगी, ना कि केवल हवा में उछालकर कैच लेने की कला।